सफलता की ओर ले जायगे आपको ये ५ बाते ( 5 success tips given by krishna )
गीता हमे जीवन जीने का मार्ग बताती है और कर्म करने की प्रेरणा भी देती है. गीता की उपदेश को सुनकर ही अर्जुन अपने लक्षय को पाने में सफल रहे. कहते है गीता में हमारे जीवन की हर परेशानी का हल होता है. गीता हमे सिखाती है की कर्म करो और फल की चिंता न करो. इस मनुष्य के जीवन में हमे आगे बढ़ने के लिए सदैव कर्म करना चाहिए.
आज हम आपको श्री कृष्ण के दिए हुए दिव्य ज्ञान के बारे में बताने जा रहे है जिसको अगर आप अपने दैनिक व्यवहार में शामिल कर लेते हैं तो सफलता जल्दी ही आपके कदमों में होगी.ये ५ बाते है जिसको अपने व्यवहार में शामिल जरूर करिये.
1. कृष्ण ने संघर्ष करने का दिया मंत्र
श्री कृष्णा ने गीता में कहा है की सफलता पाने के लिए हमे सदैव संघर्ष करना चाहिए. हमे कभी भी कामचोरी या आलस के मार्ग पे नहीं चलना चाहिए. श्री कृष्णा खुद भी जीवन के अंतिम पल तक संघर्ष करते रहे. मानव जीवन का कर्त्तव्य है संघर्ष करना इसलिये कभी संघर्ष में पीछे नहीं हटाना चहिये. श्री कृष्ण ने स्वयं कहा हैं की निरंतर संघर्ष से व्यक्ति अपने भाग्य तक को बदल सकता हैं.
2. जीवन में रचनात्मकता जरूरी
जीवन में रचनात्मक होना जरुरी है सिर्फ किताबी ज्ञान से हम जीवन में सफल नहीं हो सकते. जीवन में सफल होने के लिये हमें रचनात्मक होना भी बेहद जरुरी हैं. जीवन में हमे अलग अलग अनुभव प्राप्त करना चाहिए. भगवान श्री कृष्णा 64 दिन में 64 कलाओं में निपुण हो गए थे. उन्होंने संदीपनी ऋषि के आश्रम में रहकर अपनी शिक्षा पूरी की थी. उन्होंने अपने जीवन काल में बहुत सी कलायें भी सीखी वो कहते हैं कि शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो इंसान में रचनात्मक विकास करें।
3. कमजोर इंसान को कोई नहीं पुछता इसलिये बलशाली बनिये..
आज कल के लोग हैल्थी ख़ाना खाने के बज़ाय सड़क पे मिलने वाले जंक फूड का सेवन अधिकतर कर रहे है. जो उनके सवस्थ के लिए बहुत हानिकारक साबित हो रहा है. श्री कृष्ण बचपन से दूध, दही, मिश्री आदी का सेवन करते थे उन्होंने अपने बल से अपने मामा कंस को कुश्ती के मैदान में हरा कर उनके दंभ को तोड दिया था. अपने सात्विक खान पान के कारण ही श्री कृष्ण अपार बल शाली थे. इससे हमे ये सीख मिलती है की फिट रहने के लिए अच्छे ख़ान पान की बहुत जरुरत है.
4. महाभारत के भीषण युद्ध से पहले श्रीकृष्ण ने कौरवो को शांति का प्रस्ताव दिया था
शांति ही सुख के मार्ग का दरवाज़ा खोलती है. जब कौरवो और पांडवो में युद्ध की दशा छा गयी थी तो युद्ध को टालने के लिए श्री कृष्ण कौरवो के पास पंड़ावों के तरफ से शांति का प्रस्ताव लेकर गए थे और जब वहाँ बात नहीं बनी तब जाकर वे युद्ध करने पे उतरे. श्री कृष्ण कहते है की शांति ही किसी देश और समाज को आगे बढ़ा सकता है इसलिए जीवन में कोई भी फैसला लेने से पहले उस पर शांति से विचार जरूर करे.
5. अपने जीवन के हर रिश्ते का सम्मान करना सीखे
मनुष्य अपने जीवन में आगे बढ़ते वक्त पुराने रिश्ते को पीछे छोड़ देता है जो कि बहुत गलत है हमें हमसे जुड़े हुए हर इंसान तथा रिश्तो का सम्मान करना चाहिए श्री कृष्ण ने अपने पुरे जीवन में उनसे जुड़े हुए हर एक व्यक्ति का सम्मान किया है. वो एक पुत्र ,पति, पिता, दोस्त के रूप में हमेशा खरे उतरे है. इसलिए इंसान को अपने जीवन में अपने हर एक रिश्ते का सम्मान करना चाहिए.
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