कैलाश पर्वत का रहस्य: आखिर क्यों कोई आज तक इस पर नहीं चढ़ पाया?

कैलाश पर्वत का रहस्य: आखिर क्यों कोई आज तक इस पर नहीं चढ़ पाया?

माउंट एवरेस्ट 29,000 फ़ीट ऊँचा है और माउंट कैलाश 22,000 फ़ीट।

सन 1953 में एडमंड हिलेरी और तेंजिन शेरपा के एवरेस्ट पर फ़तेह पाने के बाद आज तक लगभग 4,000 लोग एवरेस्ट जीत चुके।

मगर आज तक एक भी इंसान माउंट कैलाश के शिखर को नहीं छु सका।

ऐसी क्या ख़ास बात है कैलाश पर्वत में कि ऊँचाई में एवरेस्ट से छोटा होने के बाद भी इसे कोई फ़तेह नहीं कर पाया।

कैलाश पर्वत का रहस्य

कैलाश पर्वत का रहस्य

कई कहते है ये पहाड़ यहाँ था ही नहीं, इसे बनाया गया है। लोग ये भी कहते हैं कि ये पहाड़ खोखला है, इसके अंदर दूसरी दुनिया में जाने का रास्ता निकलता है।

वैज्ञानिकों के अनुसार

वैज्ञानिकों के अनुसार

रूस केवैज्ञानिकों ने कहा कि इस पहाड़ की तिकोने आकार की चोटी प्राकृतिक नहीं, बल्कि एक पिरामिड है जो बर्फ से ढका रहता है। माउंट कैलाश को "शिव पिरामिड" के नाम से भी जाना जाता है।

पूरी दुनिया ने कैलाश पर्वत को विश्व का आध्यात्मिक केंद्र माना है.हिन्दू धर्म में कैलाश पर्वत को शिव का गढ़ माना जाता है। कहते हैं पर्वत पर शिव और पार्वती विराजते हैं।

कहते हैं जो भी इस पहाड़ पर चढ़ने की कोशिश करता है, वो आगे नहीं चढ़ पाता, उसका हृदय परिवर्तन हो जाता है।

यहाँ की हवा में कुछ अलग बात है। आपके बाल और नाखून 2 दिन में ही इतने बढ़ जाते हैं, जितने 2 हफ्ते में बढ़ने चाहिए। शरीर मुरझाने लगता है। चेहरे पर बुढ़ापा दिखने लगता है।

ये बात आज तक रहस्य ही बनी हुई ही के क्यों आज तक कोई कैलाश पर्वत पर क्यों नहीं चढ़ पाया।

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