कहाँ कहाँ स्थित है भगवान् शिव के 12 ज्योतिर्लिंग, जानिए इनकी विशेषताएं
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग - प्रजापति दक्ष ने जब चंद्रमा को क्षय रोग का श्राप दिया तो इसी स्थान पर चंद्र देव ने ज्योतिर्लिंग की स्थापना कर शिवजी की पूजा की और श्राप से मुक्ति पाई
मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग - कृष्णा नदी के किनारे श्रीशैल पर्वत पर स्थित इस ज्योतिर्लिंग का नाम मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग है
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग - उज्जैन में स्थित इस ज्योतिर्लिंग के पास क्षिप्रा नदी बहती है, यह एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग - मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र में नर्मदा नदी के किनारे स्थित इस ज्योतिर्लिंग के बारे में मान्यता हे कि अगर श्रद्धालु दूसरे तीर्थों का जल लाकर ओंकारेश्वर बाबा पर अर्पित करते हैं तो माना जाता है कि उनके सारे तीर्थ पूरे हो गए
केदारनाथ ज्योतिर्लिंग - केदारनाथ धाम को भगवान् शिव का घर भी माना जाता है, ये ज्योतिर्लिंग अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों के तट पर केदार चोटी पर स्थित है
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग - डाकिनी में बसे इस ज्योतिर्लिंग का आकार काफी मोटा है इसलिए इसे मोटेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है
विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग - वाराणसी में गंगा नदी के किनारे इस नगरी को काशी भी कहते है, मान्यता है कि भगवान् शिव ने कैलाश छोड़ कर काशी को ही अपना घर बना लिया था
त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग - नासिक से 30 किलोमीटर दूर गोदावरी नदी के किनारे काले पथरो से बने इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि गौतम ऋषि और गोदावरी की प्रार्थना पर भगवान शिव इसी स्थान पर बस गए थे
वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग - यह ज्योतिर्लिंग झारखण्ड के देवघर जिले में स्थित है, इस रावणेश्वर धाम या बैद्यनाथधाम भी कहा जाता है
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग - मान्यता है कि भगवान शिव की इच्छा से ही इस ज्योतिर्लिंग का नाम नागेश्वर पड़ा, ये ज्योतिर्लिंग गोमती द्वारका ( गुजरात ) में स्थित है
रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग - मान्यता है कि श्री राम ने लंका पर आक्रमण करने से पूर्व इस जगह पर भगवान् शिव कि पूजा कि थी इसलिए इसका नाम रामेश्वरम पड़ा
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग - दौलताबाद में स्थित इस ज्योतिर्लिंग को घुश्मेश्वर भी कहा जाता है, ये भगवान् शिव का 12वा ज्योतिर्लिंग है
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