जैसा कि आप जानते ही होंगे इन दिनों हार्ड अटैक की समस्याएं बढ़ती ही जा रही है। लोग कम उम्र में हार्ट अटैक से अपनी जान गवा रहे हैं। अभी के समय में हार्टअटैक से मरने वालों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। बता दे कि अभी के समय में हार्ट अटैक से मरने वाले ज्यादातर लोगों की उम्र 35 से 40 साल के बीच में होती है। लेकिन अब बच्चे भी हार्ट अटैक का शिकार हो रहे हैं. कई ऐसे मामले देखे जा रह हैं, जहाँ बच्चे भी काम उम्र में हार्ट अटैक से अपनी जान गवां रहे हैं.
12 के माशूम की हुई हार्ट-अटैक से मृत्यु
आज हम आपको अपने इस आर्टिकल के माध्यम से हार्ट अटैक से जुड़ी हुई एक ऐसी घटना के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे सुनकर आपका दिल दहल उठेगा। बता दें कि हाल ही में एक 12 साल के मासूम बच्चे की मृत्यु हार्टअटैक से हो गई। इस खबर को सुनकर हर कोई दंग हो गया है। सबके मन में यही सवाल दौड़ रहा है कि आखिर इतनी कम उम्र में कोई कैसे हार्ट अटैक से मर सकता है।
कोई भी शारीरिक परेशानी नहीं थी छात्र को
आपको बता दें कि यह दुखद घटना मध्यप्रदेश के भिंड जिले की है। यहीं पर एक स्कूल बस से अपने घर लौट रहे एक 12 साल के बच्चे की मृत्यु हार्ट अटैक से स्कूल बस में ही हो जाती है। बता दे कि हार्टअटैक से मरने वाला यह मासूम बच्चा चौथी कक्षा का छात्र था। इस बच्चे को कोई शारीरिक परेशानी नहीं थी बच्चा बिल्कुल ही स्वस्थ था।
बस में चढ़ाते ही अचानक से नीचे गिरा छात्र
आपको बता दें कि डॉक्टर ने हार्ट अटैक से मरने वाला सबसे कम उम्र का केस इस घटना को बताया है। डॉक्टर्स के मुताबिक सबसे कम उम्र में हार्ट अटैक आने की यह पहली घटना हैं। जब पुलिस ने इस घटना के जाँच की तो पता चला कि स्कूल से घर लौटने से पहले बच्चे ने अपने भाई के साथ बैठकर लंच की थी. फिर थोड़ी देर बाद जब छुट्टी हुई तो बच्चा अपने घर जाने के लिए स्कूल बस में सवार हुआ. जहाँ पर चढ़ते ही वह अपनी सीट के पास अचानक से गिर गया.
डॉक्टर्स ने घोषित किया मृत्य
जैसे ही बच्चा नीचे गिरा बस के कंडक्टर और स्टाफ ने तुरंत इसकी सूचना स्कूल के प्रशासन को दी. फिर इसके बाद अफरातफरी में बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहाँ पर डॉक्टर्स ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने मृतक बच्चे की पहचान मनीष जाटव के रूप में की हैं. मनीष के साथ उसका भाई भी उसी स्कूल में पढता था.