उत्तर प्रदेश राज्य के तीन बार मुख्य्मंत्री रह चुके समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का 10 अक्टूबर को निधन हो गया। इस दिग्गज नेता की अंतयेष्टि के सात दिन पूरे हो जाने के बाद उनके बेटे औऱ पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, पत्नी डिम्पल यादव एवं अपने परिजनों के साथ अस्थि विसर्जन के लिए हरिद्वार पहुंचे।
वहां पर उन्होंने माँ गंगा के पावन जल में अपने पिता की अस्थियां अर्पित की।अखिलेश यादव को यहां विधि-विधान से अपने पिता की अस्थियों को अर्पित करते देखा गया। आज हम आपको मुलायम सिंह यादव की अंतयेष्टि से लेकर अस्थिविसर्जन की कुछ झलकियां दिखाने जा रहे है।
आप के संस्थापक मुलायम सिंह यादव 10 अक्टूबर को इस दुनिया को अलविदा कह गए। बता दें की वें कई दिनों से बीमार थे। लंबी बीमारी के बाद 10 अक्टूबर को इस नेता का गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। जिसके बाद उन्हें अपने पैतृक गांव सैफई ले जाया गया। यहां पर 11 अक्टूबर को उनका अंतिम संस्कार हुआ। मुलायम सिंह यादव के बेटे अखिलेश यादव ने उन्हें मुखाग्नि दी।
पिता मुलायम सिंह यादव की चिता ठंडी होने तक अखिलेश यादव ने अपने पिता की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
उसके बाद अखिलेश यादव परिजनों के साथ पिता की अस्थियां इकट्ठा करते दिखे।
अंत्येष्टि के सात दिन पूरे हो जाने के बाद अखिलेश यादव अपनी पत्नी डिंपल यादव औऱ करीबी परिजनों संग हरिद्वार के लिए रवाना हुए।
अखिलेश यादव के निजी प्लेन में सवार होते समय की यह फोटो है। अखिलेश यादव के हाथों में अपने पिता की अस्थियां दिख रहीं थीं।
अपने निजी प्लेन में वें अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव औऱ पत्नी डिम्पल यादव संग दिख रहे है।
इस तस्वीर में अखिलेश अपने पिता की अस्थियों के साथ प्लेन से बाहर निकल रहे है।
यह तस्वीर उस समय की है जब अखिलेश यादव औऱ उनका परिवार प्लेन से उतरकर ई-बस में बैठकर एयरपोर्ट गेट तक आते है।
हरिद्वार में अखिलेश यादव औऱ उनकी पत्नी ने गंगा स्नान किया।
गंगा घाट पर अखिलेश अपने परिजनों के मौजूदगी में विधि-विधान से विसर्जन संस्कार कर्म करते नजर आए।
अखिलेश ने कलश हाथ में लेकर पूर्वजों को नमन किया।
अखिलेश के साथ-साथ उनके परिवार के सदस्य भी कलश हाथ में लेकर पूर्वजों को नमन करते दिखे।
अंत में अखिलेश ने पिता की अस्थियों को माँ गंगा की गोंद में विसर्जित कर दिया।
हरिद्वार में मुलायम सिंह यादव की अस्थियों को विसर्जित कर पूरा परिवार सैफई अपने पैतृक आवास पर लौट आए।
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