दोस्तों हमारे जीवन में कई ऐसी चीजें होती हैं जो काफी महत्वपूर्ण होती हैं और हमें बहुत मेहनत से मिलती हैं और हमें काफी मेहनत की आवश्यकता भी होती है अपने जीवन में कुछ पाने के लिए हमें बहुत मेहनत करनी पड़ती है क्योंकि मेहनत करके ही हमारे भाग्य का परिवर्तन होता है यह आप जान लीजिए अगर किसी का जन्म हुआ है तो उसका भाग्य ऊपर से ही लिख कर आया है पर कुछ चीजें ऐसी हैं जिनका अनुमान हम कुछ संकेतों से लगा सकते हैं जो कि हमारे शरीर से संबंधित होते हैं क्योंकि शरीर में कुछ ऐसे संकेत होते हैं जिन्हें हम शास्त्रों के अनुसार उनका मतलब समझ सकते हैं।
शास्त्रों में व्यक्ति के व्यक्तित्व और उसके भविष्य को जानने के लिए कई संकेत मौजूद हैं इनमें से एक पद्धति है महिला के अंगों द्वारा उसकी सेक्स लाइफ के बारे में जानना भविष्य पुराण के अनुसार शिव जी के बड़े पुत्र भगवान कार्तिकेय ने लक्ष्मण शास्त्र की रूपरेखा तैयार की थी पर वह पूरा ना हो सका क्योंकि शिव जी ने गुस्से में समुद्र में फेंक दिया था जब शिव जी का गुस्सा शांत हुआ तो उन्होंने समुद्र से बचा हुआ कार्य पूरा करने को कहा क्योंकि इस शास्त्र को समुद्र ने पूरा किया इसलिए इसे सामुद्रिक शास्त्र कहा जाता है इससे जुड़ी कई बातें हैं जो हम आपको आज बताने जा रहे हैं।
जिन महिलाओ के होठ का ऊपरी हिस्सा मोटा होता हैं वो अपनी सेक्स लाइफ में काफी दिलचस्प होती हैं।
दूसरा जिन महिलाओ के पैर के तलबे कोमल होते है और जिनके पैरों में पसीना न आता हो ऐसी महिलाए सेक्स लाइफ में बहुत अच्छी होती हैं।
ऐसी महिलाए जिनकी जांघे चिकनी और कोमल होती हैं और जिनके जांघो पर रोम नही होते वो महिलाए सेक्स बहुत एंजॉय करती हैं और अपने पार्टनर को भी बहुत खुश रखती हैं।
चौथा ऐसी महिलाएं जिनके ब्रेस्ट मांसल और चौड़े होते हैं, वे भोगी स्वभाव की मानी जाती हैं।
पांचवा ऐसी स्त्री जिसके पैर के अंगूठे गोल और पैर की दूसरी उंगली अंगूठे से बड़ी हो, वह चंचल स्वभाव की होती है।
छठा ऐसी महिलाएं जिनकी पतली कमर और गोल ब्रेस्ट होते हैं, वे ना सिर्फ से-क्स में माहिर होती हैं बल्कि उसका पूरा आनंद भी लेती हैं।
सातवां ऐसी महिलाएं जिनके अंडरआर्म्स में पतले और कोमल रोम होते हैं, उनकी भी से-क्स लाइफ बहुत अच्छी होती है।
आठवां ऐसी महिलाएं जिनके घुटने पर मांस नहीं होता, वे खुले विचारों वाली होती हैं। उन्हें एक से अधिक पार्टनर के साथ सम्बन्ध बनाने से भी कोई दिक्कत नहीं होती। मगर इन्हें गुप्त रोगों का भी भय रहता है।