किन्नरों को हमारे समाज में हेय दृष्टि से देखा जाता है हालांकि अगर सामाजिक परिप्रेक्ष्य में बात करें तो किन्नर हमेशा घरों में दुआएं देने के लिए ही आते हैं। जब भी किसी के घर बच्चा पैदा होता है या शादी होती है तो वहां पर किन्नर अपनी दुआएं देने के लिए जरूर आते हैं और ऐसे में उन्हें मुंह मांगा पैसा देने का रिवाज भी है आमतौर पर हमारे समाज में उनको वह स्थान प्राप्त नहीं है जो होना चाहिए था लेकिन यही कारण है कि कई बार किन्नर बुरी तरह बर्ताव करते हैं जो कि लोगों को कतई रास नहीं आता । लेकिन अमूमन तौर पर माना जाता है कि किन्नरों की दुआ कबूल होती है।
हालांकि कई बार यह ऐसे भी
मामले सामने आए हैं जहां किन्नरों ने लेने की बजाय उल्टा जरूरतमंदों को दिया है ऐसा ही हम आपको कुछ बताने जा रहे हैं मध्यप्रदेश के मुरैना में दरअसल मुरैना के अंतर्गत अंबाह में किन्नरों ने इंसानियत की मिसाल पेश की है इन्होंने यहां की रहने वाली बुजुर्ग विधवा की इतनी मदद की है जिसका क़र्ज़ आजीवन नहीं उतरा जा सकता।
बता दें कि अंबाह स्थित प्रताप कॉलोनी के निवासी डूंगर सिंह जाटव की आज से ठीक 2 साल पहले लंबी बीमारी से जूझने के कारण मौत हो गई थी इसके बाद उनकी पत्नी चरण देवी बेटी पूनम और दिव्यांग बेटे के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया जैसे तैसे चरण देवी ने अपने बच्चों का पालन पोषण किया इसके बाद रिश्तेदारों की सहायता से बेटी की शादी तय कर दी।
इलाके में शादी की खबर
राबिया किन्नर को मिली वह अपनी टीम के साथ उनके घर पहुंच गई यहां पहुंचने के बाद लाचार मां ने अपनी समस्याएं राबिया को बताई उसने बताया कि बेटे के दिव्यांग होने की वजह से वह भात की रस्म अदा करने में असमर्थ है इस पर राबिया ने पूनम का भाई बन कर भात चढ़ाने का फैसला किया इसके अलावा राबिया ने चरण देवी के हाथों हजारों रुपए पूनम की ससुराल भिजवाए इसके बाद उसकी शादी बड़ी धूमधाम से हो गई।
खबरों के मुताबिक, कुछ ही दिनों पहले पूनम ने एक बच्चे को जन्म दिया है। जैसे ही इस बात की खबर राबिया को मिली वह तुरंत ही चरणदेवी के घर पहुंच गई। यहां पहुंचकर उसने मामा-मामी की तरफ से निभाई जाने वाली पछा की रस्म अदा की। गौरतलब है राबिया ने बच्चे के जन्म पर खेल-खिलौने, कपड़े, मिठाइयां, सोने के गहने आदि सब चरणदेवी के हाथों पूनम के घर भिजवाए। किन्नरों की इस दरियादिली के विषय में जिसको-जिसको पता चल रहा है वह उनका कायल हो रहा है।