आख़िर क्या कारण हैं की क़ुतुब मीनार से भी ऊँची इस बिल्डिंग को एटम बॉम्ब से उड़वा रही हैं योगी सरकार, जानिये पूरी ख़बर

ताश के पत्तों की तरह बस 9 सेकंड में गिरेगी ये 32 मंजिलों की इमारत

Super Tech Twin Tower: भारत के सर्वोच्च न्यायलाय ने नोएडा सेक्टर 93 -A में बने 32 मंजिला इमारत को गिराने का आदेश जारी किया है. आपको बता दे की भारत में इससे पहले कभी भी इतनी बड़ी ईमारत नहीं गिरायी गयी है. यही बात इस मामले को चर्चा में लाती है. आखिर क्या वजह रही होगी की क़ुतुब मीनार से भी लंबी इस टावर को गिराने का फैसला लिया गया ? करोड़ो की लागत से बनी ये ईमारत को सिर्फ 9 से 10 सेकंड के वक्त में मिटटी से मिला दिया जाएगा. टावर को गिराने के मामले की सुनवाई पिछले 10 साल से कोर्ट में चली आ रही थी. आखिर में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस टावर को 28 अगस्त 2022 को गिरा दिया जाएगा.

आईये हम आपको बताते है 32 मंजिला ईमारत के हर एक ईंट की कहानी

साल 2004 नॉएडा अथॉरिटी ने एम्ब्लर्ड कोर्ट नामक कंपनी को सेक्टर 93 -A में एक हॉउसिंग सोसाइटी बनाने के लिए जमीन दी थी. जमीन और इजाजत मिलने के बाद 2005 में 14 टावर जिसमे 10 फ्लोर होंगे और उचाई मात्र 37 मीटर होगी ऐसे कुल 14 टावर साथ में एक शॉपिंग मॉल के प्लान पे भी नॉएडा औथिर्टी ने मंजूरी दे दी. दिसंबर 2006 में इस टावर में २ मंजिल और बनाने की अनुमति दी गयी. इसी बीच दिसम्बर में कंपनी ने अपने प्लान्स में कुछ और बदलवा किए. वर्ष 2009 तक कंपनी और अथॉरिटी के मिलीभगत के साथ 40 फ्लोर के दो टावर का निर्माण शुरू किया गया ये टावरों के नाम T-16 और T-17 APEX और CEYANE थे.

 

2010 तक ट्विन टावर के 13 फ्लोर्स को बना दिया गया. इमारत को बनाने के प्लानिंग में लगातार बदलाव लाने तथा सोसाइटी के बेहद करीब ये टावर बनाने के कारण खरीदारों और रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने इसकी शिकायत इलाहाबाद हाई कोर्ट में कर दी. ट्विन टावर का मामला कोर्ट में 2012 में दर्ज किया गया. जब तक मामला कोर्ट में ले जाया गया ट्विन टावर में करीबन 633 लोगो ने फ्लैट खरीद लिया था. टावर में क़ानूनी करवाई होने के कारन 248 खरीदारों ने अपने पैसे रिफंड ले लिए और करीबन 133 खरीदार के दूसरे प्रोजेक्ट्स में अपने इच्छा अनुसार इन्वेस्टमेंट शिफ्ट कर लिया. लेकिन फिर भी इनमे से 242 खरीदार बाकी रह गए जिनके लागत इस प्रॉपर्टी में अटक गयी.

नियमो का उल्लंघन

नॉएडा अथॉरिटी लगातार कंपनी के बदलते हुए प्लांस पे मंजूरी दिए जा रही थी. इसपर भी कई सवाल उठे. भ्रष्टाचार में अंधी अथॉरिटी को ये भी नही दिखा की इस प्रोजेक्ट ने कई नियमो के उल्लंघन किये है और अगर ये प्रोजेक्ट सफल हो जाता तो जान पान पर बहुत खतरा मंडराता. फिर सेफ्टी जैसे कई अन्य नियम इस प्रोजेक्ट में खुले आम तोड़े गए है.

  1. NBR 2006 और NBR 2010 के लिए को भी साफ़ साफ़ नजर अंदाज किया गया है.
  2. इन नियमो के तहत 2 बिल्डिंग्स के आपस की दुरी कम से कम 20 मीटर की होनी चाहिए पर इन टावरो की आपस की दुरी 9 मीटर से कम थी.
  3. इन टावर्स के बनने में यूपी अपार्टमेंट्स एक्ट को भी तोड़ा गया था. कंपनी द्वारा जो स्पेस को पार्क या ग्रीन एरिया बनाने का वादा किया गया था उस जगह ये दो टावर बना दिए गए.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला

सोसाइटी रेजिडेंट वेलफेयर ने इस पर कानूनी जंग छेड़ दी और ये मामला 2009 से कोर्ट् में चला आ रहा है. 2012 में ये मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट में गया और आखिर में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इतनी बड़ी नजर अंदाज़ी जिससे जान पान पर खतरा मंडरा सकता था उसके लिए नॉएडा अथॉरिटी को डॉट लगायी और 2014 में कोर्ट ने इस प्रोजेक्ट को पूरी तरह से अवैध घोषित कर ट्विन टावर को गिराने का बड़ा फैसला सुनाया. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश में ये भी कहा की खरीदारों को उनके पैसे वापस दिए जाएँ जिसमे 14 % का ब्याज भी लगेगा.

सुप्रीम कोर्ट का फैसला

मई 2014 में एमराल्ड कोर्ट ने  इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चनौती देते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खट खटाया. सुप्रीम कोर्ट ने तब हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी.  उच्य न्यायालय में ये मामला करीबन 7-8  साल चलने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी ये प्रोजेक्ट को अवैध मानकर इससे गिराने के आदेश दे दिया. फैसले के बाद तीन बार तारीख को आगे बढ़ाया गया और आखिर में 28 अगस्त 2022 को 32 मंजिल की इस इमारत को गिराया जायेगा .

3700 किलो के एक्सप्लोसिव के जरिए ये टावरों को ताश के पत्तों की तरह गिराया जायेगा.  उस वक्त वहाँ सिर्फ 10 लोग मौजद होंगे और सिर्फ 10 सेकंड में 32 मंजिला इमारत मिटटी में मिल जाएगी. ब्लास्ट दोपहर 2:30 को होगी और आजु बाजू सोसाइटी में रहने वाले लोगो को सोसाइटी को सुबह 7 बजे तक खाली करना होगा. आपको बता दें की अस्पताल में करीबन 50 बेड पहले से रिज़र्व कर रखा गया है और साथ ही ब्लास्ट पॉइंट पर एम्बुलेंस और दमकल की गाड़िया भी मौजूद होंगी. आपको बता दे की बिल्डिंग गिरने के बाद 1300 ट्रक तक के मलबे होंगे और ट्विन टावर में घर खरीदने वाले खरीदारों को 12 % इंटरेस्ट के साथ रिफंड दिए जायेगे.

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