संविधान निर्माता बाबा साहेब के महापरिनिर्वाण दिवस पर देखें उनके महान विचार

" पुरुष नश्वर हैं. तो विचार हैं. एक विचार को प्रसार की आवश्यकता होती है जितना एक पौधे को पानी की आवश्यकता होती है. नहीं तो दोनों मुरझाएंगे और मरेंगे "

" महान प्रयासों को छोड़कर इस दुनिया में कुछ भी बहुमूल्‍य नहीं है "

" धर्म समाज के लिए आवश्यक नहीं है. मैं यह दृष्टिकोण नहीं रखता. मैं धर्म की नींव को समाज के जीवन और प्रथाओं के लिए आवश्यक मानता हूं "

“ मुझे वह धर्म पसंद है जो स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व सिखाता है ”

“ समानता एक कल्पना हो सकती है, लेकिन फिर भी इसे एक गवर्निंग सिद्धांत रूप में स्वीकार करना होगा ”

“ स्‍वतंत्रता का अर्थ साहस है, और साहस एक पार्टी में व्‍यक्तियों के संयोजन से पैदा होता है "

" एक सफल क्रांति के लिए यह आवश्यक है न्याय, आवश्यकता, राजनीतिक और सामाजिक अधिकारों के महत्व पर गहन और गहन विश्वास "

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