भारत की पहली नेत्रहीन महिला आईएएस बनी प्रांजल पाटिल ने पद ग्रहण करके यह साबित कर दिया कि अगर जीवन में कुछ बड़ा करने की इच्छा होती है तो सब कुछ मुमकिन होता है. बता दे प्रांजल की दृष्टि बचपन से ही कमजोर थी लेकिन जब वह 6 साल की हुई तो उनकी नेत्र दृष्टि पूरी तरह से खत्म हो गई थी. प्रांजल को जीवन में कुछ बड़ा करना था उन्होंने अपनी हिम्मत नहीं हारी. वह अपनी मेहनत और लगन से आगे बढ़ती रही.
प्रांजल ने जाहिर की ख़ुशी
आईएएस का पद ग्रहण करने के दौरान प्रांजल ने कहां की – ‘मुझे जिम्मेदारी संभालते में बहुत अच्छा महसूस हो रहा है. मैं अपने कार्यकाल के दौरान इस जिले को ज्यादा से ज्यादा जानने की कोशिश करूंगी और बेहतर योजना बनाऊंगी.’ महाराष्ट्र के उल्लास नगर की रहने वाली प्रांजल ‘केरल कैडर’ में नियुक्त होने वाली पहली नेत्रहीन आईएएस ऑफिसर हैं.
साल 2016 में प्रांजल ने 773वीं रैंक हासिल करके एग्जाम क्वालीफाई किया था. आज प्रांजल भारत के उन लोगों के लिए प्रेरणा बन गए हैं, जो अपनी किस्मत को दोष देते हैं. प्रांजल ने साबित कर दिया है कि, अगर हौसला बुलंद हो तो उड़ान भरने से कोई नहीं रोक सकता.
इस हादसे में खो दी आंख की रौशनी
बता दे आईएएस ऑफिसर प्रांजल की दृश्यम जन्म से ही कमजोर थी लेकिन जब वह 6 साल की थी, तब उनके एक सहपाठी ने उनकी आंख में पेंसिल मार दी थी. जिस वजह से उनकी उस आंख की दृष्टि खत्म हो गई थी. इस हादसे के बाद डॉक्टरों ने प्रांजल के माता-पिता को बताया कि हो सकता है आगे जाकर वह अपनी दूसरी आंख की रोशनी भी खो दे. डॉक्टरों की यह बात सच हो गई. कुछ सालों बाद प्रांजल पाटिल जी के दोनों आंखों की रोशनी पूरी तरह खत्म हो गई, लेकिन फिर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. जीवन में कुछ बड़ा करने की लगन लेकर वह आगे बढ़ती रहे और आज वह आईएएस ऑफिसर बन गए.
नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया!
प्रांजल ने अपनी पढ़ाई मुंबई के दादर में स्थित श्रीमती कमला मेहता स्कूल से की है. यह स्कूल स्पेशली डिसएबल बच्चों के लिए ही था. जहां ब्रेल लिपि में पढ़ाई कराई जाती थी. इस स्कूल से प्रांजल ने दसवीं तक की पढ़ाई पूरी की. उसके बाद उन्होंने चंदाबाई कॉलेज से आठवीं से 12वीं की पढ़ाई करी. जहां उन्होंने 85 फ़ीसदी अंक हासिल किए. प्रांजल पाटिल ने अपनी बी.ए की पढ़ाई मुंबई के सेंट जेवियर कॉलेज से की थी. प्रांजल के अनुसार जब वह ग्रेजुएशन में थी उसी दौरान उन्होंने आईएएस बनने का प्लान किया,और तैयारी में जुट गई.
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