ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है. शास्त्र में शनि का राशि परिवर्तन काफी अहम माना गया है. शनिदेव राशि के जातक को उसके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं. न्याय के देवता शनि देव अच्छे कर्म करने वालों को शुभ फल देते हैं और बुरे कर्म करने वालों को दंड देते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वर्तमान में शनि की सबसे प्रिय राशियों में से एक कुंभ राशि पर इस समय शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव है. चलिए जानते हैं शनि की साढ़ेसाती का कुंभ राशि पर कौन सा चरण चल रहा है और उन्हें कब मुक्ति मिलेगी.
कब तक रहेगी शनि की साढ़ेसाती
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण चल रहा है. शास्त्रों के अनुसार 29 अप्रैल 2022 को शनि अपनी राशि बदल चुके हैं. सनी ने मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश किया था. शनि के राशि परिवर्तन से कुंभ राशि पर शनि का दूसरा चरण शुरू हो गया है जो सबसे कष्ट दाई होगा. ज्योतिष के अनुसार अगले ढाई साल तक शनि कुंभ राशि में रहेंगे.
वर्तमान में शनि की स्थिति-
ज्योतिषियों के अनुसार कुंभ राशि में प्रवेश करने के बाद शनि 12 जुलाई 2022 को वक्री होकर मकर राशि में प्रवेश कर गए थे. ज्योतिष का कहना है कि 17 जनवरी 2023 को शनि फिर से कुंभ राशि में वापस आ जाएंगे. जिसके बाद कुंभ राशि वालों के कर बढ़ जाएंगे.
कब मिलेगी शनि की साढ़ेसाती से कुंभ राशि वालों को मुक्ति
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वर्तमान में मकर, धनु और कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है वहीं तुला और मिथुन पर शनि की ढैया का प्रभाव है. 24 जनवरी 2022 में कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हुई थी, जिससे इन्हें 3 जून 2027 को मुक्ति मिलेगी. ज्योतिषियों के मुताबिक कुंभ राशि वालों को शनि की महादशा से 23 फरवरी 2028 को शनि के मार्गी होने से मुक्ति मिलेगी.
यह होता है शनि की साढ़ेसाती के दूसरे चरण का प्रभाव
शनि की साढ़ेसाती के दूसरे चरण में इंसान को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक कष्टों का सामना करना पड़ता है. शनिदेव के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए शनिदेव से संबंधित उपायों को करना चाहिए.