शराब पीने के बाद लोगों के स्वभाव में अलग प्रकार का परिवर्तन दीखता है। जब कोई व्यक्ति शराब का सेवन कर लेता है तब वह अपने समान स्वभाव से बिलकुल अलग तरह का व्यवहार करता दीखता है। तो आपने कभी इस बात के बारे में सोचा है की आखिर शराब पीने के बाद लोग इतना बदल कैसे जाते है।
उनमें सामान्य दिन से अधिक कॉन्फिडेंस आ जाता है। कोई भी व्यक्ति शराब पीने के बाद ऐसी-ऐसी हरकत करते दिखते है जो वह होश में रहकर करने के बारे में सोच भी नहीं सकते। तो चलिए जानते है क्या है इसके पीछे का कारण। क्यों शराब पीने के बाद आ जाता है लोगों में कॉन्फिडेंस?
सर्वें का आया यह नतीजा
एक सर्वे के मुताबिक शराब लोगों को ज़्यादा कॉंफिडेंट बना देती है। लंदन के एक रिसर्च संगठन की ओर से 2016 में कराए गए इस ग्लोबल ड्रग सर्वे में 18 से 34 साल के बीच के करीब 30 हजार लोगों शामिल थे। इस सर्वे के आंकड़ों का आकलन वेल्स के एनएचएस ट्रस्ट और किंग्स कॉलेज लंदन के रिसर्चरों द्वारा किया गया। सर्वे में बहुत से लोगों ने यह माना कि वोडका, जिन, व्हिस्की जैसे हार्ड लिकर के सेवन से कॉन्फिडेंस का स्तर काफी बढ़ जाता है।
शराब से क्यों आ जाता है कॉन्फिडेंस
तो कभी आपने यह जानने की कोशिश की है की शराब पीने से हमारा आत्मविश्वास क्यों इतना बढ़ जाता है। हम आपको बता दें की शराब पीने के बाद हमारे ब्रेन से एक केमिकल या न्यूरोट्रांसमिटर निकलता है, जिसे डोपामीन कहते हैं। डोपामीन को हैप्पी होर्मोन भी कहते है। डोपामीन एक ऐसा होर्मोन है जिसके शरीर में रिलीज होते ही आपको खुशी का एहसास होता है। शरीर में डोपामीन की अधिकता होने से लोगों को शक्तिशाली और कॉंफिडेंट होने का एहसास होता है।
इसके अलावा, शराब हमारे दिमाग के उस हिस्से को प्रभावित करता है, जो फैसले लेने के लिए जिम्मेदार है। नशे के असर की वजह से हमारे अंदर झिझक और डर कम हो जाता हैं और लोग बिना सोचे समझे कोई भी फैसला ले लेते हैं। मगर बता दें की, डोपामीन ही शराब की लत लगने का सबसे बड़ा कारण है। डोपामीन की शरीर में अधिकता होने की वजह से ही लोग एक के बाद दूसरा, दूसरे के बाद तीसरा पैग पीते चले जाते हैं।
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