अपनी कुटिल रणनीति से चंद्रगुप्त को राजा बनाने और घनानंद से अपनी बेइज्जती का बदला लेने के लिए चाणक्य के रणनीति और सोच का हर कोई दीवाना हैं। चाणक्य के द्वारा ही एक किताब लिखी गई जिसका नाम है ‘अर्थशास्त्र’। इस किताब में जिंदगी को सही तरीके से जीने और जिंदगी में सफल होने के उपाय बताएं गए हैं। चाणक्य के इस किताब में लिखी गई हर एक बात जिंदगी सही तरीके से जीने के लिए बिल्कुल ही सही है। उन्होंने अपनी इस किताब में कई बातें ऐसी बताई है जो हमें अपनी जिंदगी में नहीं करना चाहिए।
चाणक्य के अनुसार मां लक्ष्मी को ऐसे करें प्रभावित
कूटनीति, राजनीति, अर्थशास्त्र में निपुण रहे आचार्य चाणक्य व्यवहारिक ज्ञान के भी बड़े ज्ञाता हैं. जिंदगी में मुसीबतों से बचने के लिए चाणक्य ने बहुत से उपाय बताएं हैं।
आज हम आपको अपने इस पोस्ट के माध्यम से बतायेंगे कि चाणक्य के अनुसार वो कौन-कौन से लोग हैं जिनके पास लक्ष्मी यानी कि पैसा नहीं ठहरता।
चाणक्य के अनुसार यदि व्यक्ति अपनी जिंदगी में कुछ बातों का ध्यान न रखे तो उसे करोड़पति से कंगाल बनने में देर नहीं लगती है.
इस तरह से होंगी माँ लक्ष्मी प्रसन्न
आपको बता दें कि चाणक्य की ‘चाणक्य नीति’ में मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का अनेकों उपाय बताया गया है. इसके साथ ही साथ इस किताब में वो सारी बातें भी बताई गईं हैं जिनको करने से मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं. जिसके कारण अमीर से अमीर आदमी भी कंगाली के कगार पर आ खड़ा होता है.
इस तरीके से धन अर्जित करने पर होती हैं परेशानी
अन्यायोपार्जितं वित्तं दशवर्षाणि तिष्ठति .
प्राप्ते चैकादशे वर्षे समूलं तद् विनश्यति ..
चाणक्य नीति में दिए गए इस श्लोक का अर्थ है कि जो लोग गलत तरीके से यानी कि चोरी, जुआ, अन्याय और धोखा देकर धन कमाते हैं, वे जल्दी अमीर तो बन जाते हैं लेकिन उनका धन बर्बाद होने में ज्यादा देर नहीं लगता है. धोखे से या किसी को दुख देकर कमाया गया धन जीवन में ढेरों परेशानियां लाता है और आपको कभी खुश नहीं रहने देता है। इसलिए कभी भी इन तरीकों से धन अर्जित करने की कोशिश ना करें।
ये काम अपने जीवन में कभी ना करें
आत्मापराधवृक्षस्य फलान्येतानि देहिनाम् .
दारिद्रयरोग दुःखानि बन्धनव्यसनानि च ..
चाणक्य नीति के अनुसार जो लोग अपने जीवन में बुरे कर्म करते हैं, वे उनका बुरा फल भी भोगते हैं. अगर कोई चाहता है कि उस पर माँ लक्ष्मी की हमेशा कृपा बनी रहे तो उस इंसान को हमेशा अच्छे कर्म करना चाहिए. अपने धन का सदुपयोग करना चाहिए गलत जगह बर्बाद नहीं करना चाहिए. माँ लक्ष्मी की कॄपा पाने के लिए दान-धर्म करें, झूठ न बोलें, किसी को नुकसान न पहुंचाएं.
विद्वान लागों का कभी ना करें अपमान
धनहीनो न च हीनश्च धनिक स सुनिश्चयः .
विद्या रत्नेन हीनो यः स हीनः सर्ववस्तुषु ..
इस श्लोक का अर्थ है कि किसी को गरीब ना समझें. खासतौर पर विद्वान व्यक्ति को गरीब समझकर उसका अपमान करने की गलती ना करें. क्योंकि विद्या ही सबसे बड़ा रत्न है, यही वो संपत्ति है जो हमेशा व्यक्ति के साथ रहती है. विद्या से सुसज्जित व्यक्ति न केवल समाज में मान-सम्मान प्राप्त करता है, बल्कि उसके पास धन की कमी भी कमी नहीं होती है. इसलिए माँ लक्ष्मी को अपने घर रखने के लिए विद्या से सुसज्जित बने।