गोबर से ये छोटा सा काम करके कार्तिक बन चुके हैं करोड़ों की कंपनी के मालिक, बना दी ऐसी मशीन की..

हमारे देश के 70% लोग आज भी खेती के सहारे अपनी ज़िंदगी गुजारते हैं. खेती और पशुपालन करना हमारे देश में वषों से चला आ रहा हैं. यह हमारे देश के लोगों की मुख्य आजीविका हैं. जो लोग खेती करते हैं यानि की हमारे किसान भाई. इन्हें पशुपालन से बहुत ही ज्यादा फायदा होता हैं. पशुपालन से इन्हे दूध के साथ-साथ खेतों के लिए खाद्य भी मिल जाता हैं. इतना ही नहीं किसान जो पालतू जानवर पालते हैं जैसे की- गाय, भैस, बकड़ी इत्यादी इनके गोबर से भी किसानो को फायदा होता हैं. गोबर उपयोग किसान खेती के लिए खाद्य बनाकर करते हैं. इसके साथ-साथ जलावन के लिए उपले भी गोबर से ही बनाते हैं.

गोबर एक उपयोग के लिए अविष्कार किया कार्तिक ने

बता दे कि गोबर किसान और गांव में रह रहे लोगों के लिए बहुत ही उपयोगी होता हैं. लेकिन बहुत सी ऐसी जगह जंहा गोबर का उपयोग ज्यादा नहीं जो पता. जैसे की शहरों में अनाथ गायों के रहने के लिए गौशाला बनाई गयी हैं. जंहा का गोबर ज्याद उपयोग में नही आता. ऐसे में बहुत सारा गोबर का ढेर लग जाता है और वह बर्बाद हो जाता हैं. वैसे तो गोबर के बहुत सारे उपयोग हैं जैसे कि- जलावन के काम, खाद्य के काम, गैस बनाने के काम इत्यादि। लेकिन कोई इसका सही ढंग से इस्तेमाल नहीं कर पता हैं.

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इसी समस्या को देखते हुए पंजाब के एक 31 साल के युवा ने गोबर का सही ढंग से उपयोग करने के लिए तीन अविष्कार कर दिए. आपको बता दे कि इस युवा का नाम कार्तिक पाल हैं. आइये जानते हैं कार्तिक के तीन अविष्कारों के बारे में:-

तीन सफल अविष्कार किये:-

1. बात साल 2017 की हैं, इस साल कार्तिक ने अपनी सूझ-बुझ के गोबर से लकड़ी बनाने की मशीन बनाई। उनका यह अविष्कार बहुत ही सफल हुआ. उनके इस अविष्कार के लिए उन्हें बहुत ही सराहना मिली। बता दे कार्तिक के इस अविष्कार को 9000 से अधिक लोगों न खरीदा और अपने उपयोग में लाया। यह मशीन काफी सस्ता हैं. कई सारे लोग इसे खरीदकर इससे गोबर की लकड़ी बनाकर बेच रहे हैं और अपनी आजीविका चला रहे हैं. बता दे कि इससे बनी लकड़ी जलावन के काम आती हैं.

2. इस अविष्कार के थोड़े दिन ही बाद कार्तिक ने इसी साल गोबर सुखाने मशीन बनाई। बता दे कि यह मशीन मिनटों में गीले गोबर को ड्राई करके उसे पाउडर के रूप में बदल देती हैं. कार्तिक का यह अविष्कार बहुत ही कारगर साबित हुआ. उनका यह अविष्कार भी लोगों के बहुत काम आया.

3. अब कार्तिक के एक और नया अविष्कार किया हैं. जो गबर से ही संबंधित हैं. बता दे कि कार्तिक का यह अविष्कार अभी मार्केट में नहीं आया हैं. कार्तिक के इस अविष्कार को गोबर उठाने की ऑटोमैटिक मशीन कहा जा रहा हैं. हालाँकि यह अभी पूरी तरह से बनकर तैयार भी नहीं हुआ हैं. इस पर अभी काम चल ही रहा हैं. बहुत ही जल्द यह मशीन भी मार्केट में आ जायगी।

करोड़ों के कंपनी के मालिक हैं

बात करें कार्तिक की तो उन्होंने अपने पहले दोनों अविष्कारों से ही बहुत आमदनी की हैं. इसके साथ ही साथ उन्होंने अपने द्वारा स्थापित कम्पनी के टर्नओवर को करोड़ो रुपये तक ला दिया हैं. पंजाब के पटियाला में उनकी कंपनी स्थापित हैं जिसका नाम है ‘गुरुदेव शक्ति’. इस कम्पनी में कार्तिक किसानों के उपयोग में आने वाले मशीने बनाते हैं.

पिता की सोच ने पहुंचाया यहाँ

आपको बता दे कि कार्तिक ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की हैं. उन्होंने इंजीनियरिंग एलिक्ट्रिकल ब्रांच से की हैं. साल 2014 में कार्तिक ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की. उन्होंने एक निजी चैनल दिए अपने इंटरव्यू में बताया कि वो इंजीनियरिंग के बाद कनाडा जाना चाहते थे. लेकिन उनके पिता चाहते थे की यही भारत में रहकर कुछ करें। फिर कार्तिक अपने पिता की बात मानकर यही रुक गए और किसानी के कामों में पिता का हाथ बटाने लगें।

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कार्तिक के पिता भी किसानी से जुड़े मशीनें बनाते थे. उनके पिता गौशाला के लिए जनेटर बनाते थे जिसकी डिलीवरी के कार्तिक अकसर गौशाला जाया करते थे. यही से उन्हें गोबर के उपयोग की मशीन बनाने का आईडिया मिला। जो की बहुत ही सफल साबित हुआ.

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