अगर मन में कुछ बड़ा करने की इच्छा हो तो आपको सफल होने से कोई भी नहीं रोक सकता। आपने ऐसे कई लोगो के नाम सुने होंगे जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से सफलता की नयी ऊचाई छुई है। धीरू भाई अंबानी ,अमिताभ बच्चन ,शाहरुख खान के अलावा और भी कई ऐसे महान शख्सियत है जिन्होंने अपनी मेहनत और दृढ़ इच्छाशक्ती के बल पर कई नामुमकिन काम को मुमकिन करके दिखाया है।
आज की सक्सेस स्टोरी में हम एक ऐसे ही शख्स के बारे में बात करने जा रहे है। जिन्होंने अपनी दृढ संकल्प और मेहनत से सफलता का नया आयाम पाया। आज हम बात करने जा रहे है देश के बड़े उद्योगपति वेंदाता ग्रुप के नॉन एग्जीक्यूटिव चेयरमैन अनिल अग्रवाल के बारे में। जो कुछ बड़ा करने का सपना लिए बिहार के पटना से मुंबई आए थे। और आज वह अपनी मेहनत के बलबूते पर 3 बिलियन डॉलर के मालिक है।
छोटी सी उम्र में छोड़ दिया स्कूल
आपको बता दे की अनिल अग्रवाल का जन्म बिहार के पटना में साल 1954 में हुआ था। उनके घर की आर्थिक स्थिति कुछ ठीक नहीं थी जिस वजह से उन्हें अपनी पढ़ाई बिच में ही छोड़नी पड़ी। पढ़ाई छोड़कर वह 15 साल की उम्र में मुंबई आ गए थे। आपको बता दे की घर से आते समय अनिल अग्रवाल के पास केवल एक टिफिन और बिस्तर था। इसके अलावा उनके पास कुछ भी नहीं था। मगर उनके पास कुछ करने की प्रबल इच्छाशक्ति थी। जिस वजह से वह आज देश के बड़े उद्योगपति है।
शुरू किया कबाड़ा बेचना
घर से निकलने के बाद उन्होंने कबाड़ा बेचने का कारोबार शुरू किया। धीरे-धीरे वे धातुओं का व्यापर करने लगे। साल 1970 में उन्होंने स्टरलाइट इंडस्ट्रीज नामक कंपनी की स्थापना की। यह कंपनी 90 के दशक में देश की पहली धातुओं को रिफ़ाइन करने वाली कंपनी बनी। इसके बाद अनिल अग्रवाल ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। वह सफलता की सीढ़ी चढ़ते चले गए। इस कंपनी से लेकर वेदांत ग्रुप तक का सफर उन्होंने बड़ी सहजता से तय किया।
आज वेदांत ग्रुप भारत की ही नहीं बल्कि विश्व की चुनिंदा बड़ी खनन कंपनियों में से एक है। अनिल अग्रवाल कहते है की,”यदि आप मजबूत इरादों के साथ अपना पहला कदम उठाते है तो मंजिल पाना तय है”। अनिल अग्रवाल की सफलता के पीछे उनकी पत्नी किरण का भी बहुत बड़ा सहयोग रहा है। वह हर कदम पर अनिल अग्रवाल का साथ निभाने के लिए महबूती से खड़ी रही।
अपनी संपत्ति डोनेट करने का किया था एलान
रिपोर्ट के अनुसार अनिल अग्रवाल की नेट वर्थ आज 3 बिलियन डॉलर है। बता दे की अनिल अग्रवाल ने London Stock Exchange में कंपनी की लिस्टिंग के 10 साल होने पर अपनी 75 फीसदी संपत्ति दान करने की घोषणा की थी। उनका कहना था कि ‘जितना कमाया है उसे समाज को वापस करना चाहता हूं’। आज वेंदाता ग्रुप भारत के अलावा आयरलैंड, अफ़्रिका, ऑस्ट्रेलिया व कई अन्य देशों के साथ व्यापार करती है। रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में इस कंपनी में क़रीब 65 हज़ार कर्मचारी काम करते हैं।
Most of you know me as the first Indian to get his company listed on the London stock exchange in 2003 and here’s how it began…
Read below for the full story pic.twitter.com/duH0w7V1oo
— Anil Agarwal (@AnilAgarwal_Ved) July 12, 2022
कोई भी काम करने से पहले खाते है दही चीनी
आपको बता दे की किसी भी काम से पहले अनिल अग्रवाल दही चीनी कहते है। उन्होंने ट्विटर पर एक पोस्ट डालते हुए लिखा था की, “किसी भी बड़े भाषण से पहले मैं दही चीनी खाता हूं। ये मेरा लकी चार्म है। जब मैं बच्चा था तब मेरी मां मुझे ये खिलाती थी, केवल परंपरा के रूप में नहीं बल्कि अपने आशीर्वाद के रूप में भी। लोग इसे मीठी दही भी कहते हैं, लेकिन मेरे लिए तो यह मेरी मां का आशीर्वाद है”।
Before any big speech, i eat some dahi cheeni. It’s my good old lucky charm. My mother would feed me this when I was a kid, not just as tradition but also as her blessings….log ise sweet yogurt bhi kehte hai, magar mere liye toh, yeh meri maaji ka ashirwaad hai pic.twitter.com/BQwL5fEHj2
— Anil Agarwal (@AnilAgarwal_Ved) November 15, 2022