भारतीय रेल दुनिया क सबसे बड़े रेल नेटवर्क में से एक है। भारत में रोजाना करोड़ो यात्री रेल यात्रा करते है। आपने भी कभी न कभी अपने जीवन में रेल यात्रा जरूर की होगी। आपने यह देखा होगा की ट्रैन में यात्रियों को तकिया और कंबल दिया जाता है। लेकिन जब से कोरोना महामारी आई थी तब से इस सुविधाओं को रोक दिया गया था। मगर जैसे ही कोरोना महामारी कंट्रोल में आई रेल की इस सुविधा को दुबारा शुरू कर दिया गया है। लेकिन आपको बता दे की इस सुविधा में अब कुछ बदलाव किये गए है। नए नियम के अनुसार ट्रैन में मिले तकिए और चादर को आप अपने घर भी ले जा सकते है।
क्या है रेलवे का नया नियम
आपको बता दे की यदि आप हाल-फिलहाल में रेल की यात्रा करने जा रहे है और आप इस नए नियम का फायदा उठाना चाहते है तो आपको यह काम करना पड़ेगा। रेल की टिकट बुक करते समय आपको रेल यात्रा की शुल्क के साथ-साथ तकिये और कंबल का अतिरिक्त शुल्क भी देना पड़ेगा।
बता दे की इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए आपको प्रतिव्यक्ति 300 रूपए का अतिरिक्त शुल्क देना होगा। इसके बाद आपको एक कंबल ,एक तकिया और दो चादर दिए जाएंगे।आपको बता दे दी 300 रूपए में से 180 रूपए कंबल के है। 40 रूपए प्रति चादर तथा 70 रूपए एक तकिये का शुल्क है। सफर ख़त्म हो जाने के बाद उस तकिये और चादर को घर ले जाने की भी छूट है।
कहां पर शुरू हुई है यह सुविधा
AC कोच में मिलने वाली यह सुविधा अभी बस नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शुरू करवाई गई है। इस नियम को डिब्रूगढ़ राजधानी, चेन्नई राजधानी और नई दिल्ली से वाराणसी के बीच चलने वाली महामना एक्सप्रेस में शुरू कर दिया गया है।
कैसे बदला नियम ?
आपको बता दे की कोरोना महामारी के बढ़ते मामले को देखते हुए रेल यात्रा करने वाले यात्रियों को मिलने वाली बिस्तर की सुविधा बंद करा दी गई थी। रेलवे ने कहा था कि सभी यात्री चादर और तकिया अपने घर से लेकर आए। मगर कोरोना महामारी के संतुलन में आने के बाद इस सुविधा को फिर से शुरू कर दिया गया। मगर अब इन नियमों में कुछ बदलाव भी किये गए है। आप रेल यात्रा में मिले चादर और तकिये को अपने घर भी ले जा सकते है।