एक प्यार ऐसा भी: लड़की अपना देश छोड़कर आई, और लड़के से की शादी फिर जो हुआ…


जैसा कि आपने सुना होगा संसार में प्यार की कोई उम्र नहीं होती प्यार सभी बंधनों को तोड़कर अपनी मंजिल हासिल कर ही लेता है प्यार एक ऐसा एहसास है जो सिर्फ महसूस किया जा सकता है और जैसा कि सभी लोग कहते हैं प्यार में ऊंच-नीच जाती पाती या धर्म उम्र कोई नहीं देखता दो व्यक्ति एक दूसरे से मिलते हैं और एक दूसरे को पसंद कर लेते हैं और कुछ दिनों बाद दोनों एक दूसरे के लिए बेहद महत्वपूर्ण हो जाते हैं आज हम आपके को एक ऐसी ही कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने जात बिरादरी नहीं देखी अफ्रीका की मुस्लिम लड़की और हिंदू लड़के से संबंधित प्रेम कहानी जो आपने पहले नहीं सुनी होगी।


आपको बता दें कि अफ्रीकी देश मुरक्को की मुस्लिम लड़की फादवा और ग्वालियर के अविनाश दोहरे ने शादी कर ली है खबरों की मानें तो दोनों के बीच 3 साल पहले फेसबुक पर दोस्ती हुई उसके बाद दोस्ती प्यार में बदल गई फादवा ने प्यार के लिए अपना देश तक छोड़ दिया लड़के अविनाश ने फादवा के पिता को विश्वास दिलाया कि उनकी बेटी का धर्म नहीं बदला जाएगा ना कोई रीत वह जिस तरह से अपने धर्म का पालन करती है उसी तरह भारत में भी करेगी हम दोनों अपने अपने धर्म संस्कृति का पालन करते हुए पति पत्नी बने रहेंगे।


ग्वालियर. खबरों के अनुसार अफ्रीकी देश मोरक्को की मुस्लिम युवती को अपने मुल्क से 8000 किलोमीटर दूर ग्वालियर के हिन्दू लड़के से प्रेम होगया. युवती ने प्यार की खातिर अपना मुल्क छोड़ दिया. लड़के ने भी युवती के पिता को भरोसा दिया कि वो उसका कभी धर्म परिवर्तन नहीं कराएगा. दोनों अपने,अपने धर्म-संस्क्रति का पालन करते हुए पति-पत्नी बने रहेंगे. इसके पश्चात मोरक्को की मुस्लिम युवती ने और ग्वालियर के हिंदू युवक ने बुधवार को एडीएम कोर्ट में शादी रचा ली. कुछ दिन में दोनों हिंदू रीति-रिवाज से भी शादी करेंगे और कोविड के बाद रिसेप्शन का समारोह भी किया जाएगा ।


आपको बतादे मोरक्को की रहने वाली 24 वर्ष की फादवा लैमाली प्राइवेट कॉलेज में पढ़ती है. सोशल मीडिया पर तीन वर्ष पहले उसकी दोस्ती ग्वालियर के 26 वर्ष के अविनाश दोहरे से हुई. सोशल मीडिया पर हुई दोस्ती प्यार में बदल गई.लेकिन मजहब को लेकर दोनों चिंता में आ गए. दोनों ने अपने-अपने परिवार को अपने प्रेम के विषय में बताया. फादवा लैमाली का परिवार पहले काफी नाराज हुआ. लेकिन बाद में बेटी की जिद के आगे उन्होंने हां कहना ही पड़ा.बाद में दोनों के परिवार वाले राजी हो गए. इसके पश्चात फादवा ने अविनाश से शादी के लिए अपने देश मोरक्को से NOC मांगा।


फादवा और अविनाश की प्रेम कहानी में मजहब दीवान नहीं बन सकी अविनाश दो बार शादी का प्रपोजल लेकर मोरक्को गया लेकिन पिता अली लेमाली ने शादी के लिए इंकार कर दिया था लेकिन दोनों शादी के लिए राजी थे और पिता ने अविनाश से भारत और हिंदू धर्म छोड़कर मोरक्को में बसने को कहा अविनाश ने फादवा के पिता से कहा कि ना तो मैं अपना देश छोडूंगा और ना ही अपना धर्म परिवर्तन करुगा लेकिन मैं आपकी बेटी का भी धर्म परिवर्तन नहीं कर आऊंगा उसे अपना धर्म अपनी परंपराएं उसी तरह निभाने की आजादी होगी जैसे वह यहां अपना धर्म निभाती है उसी तरीके से भारत में भी पूरी आजादी से अपना धर्म निभाएगी आज की बात सुनकर परिवार को यकीन हो गया।

इस सब के पश्चात परिवार ने शादी की मंजूरी दे दी जानकारी के अनुसार हफ्ते भर पहले फादवा ने मोरक्को में अपनी शादी के लिए एनओसी के लिए आवेदन किया था कानूनी दस्तावेजों की प्रक्रिया पूरी होने के बाद मोरक्को से अनुमति प्राप्त हुई इसके बाद ग्वालियर की एसडीएम कोर्ट में शादी प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया गया बुधवार को प्रेमी जोड़ा एडीएम कोर्ट पहुंचा जहां एडीएम एचपी शर्मा की मौजूदगी में दोनों ने शादी कर ली थी आपको बता दें कि मोरक्को उत्तर अफ्रीका का एक राजशाही देश है मोरक्को मुस्लिम देश है वहां मुस्लिम ही मुस्लिम है वहां की भाषा अरबी है रबात शहर मोरक्को की राजधानी है मोरक्को में 99 फीसद आबादी मुस्लिम की ही है।