आज के नए जमाने में लोग हर चीज नए जमाने के हिसाब से करना चाहते हैं पर ऐसे में वह धीरे-धीरे अपनी संस्कृति और सभ्यता को भूलते जा रहे हैं और उसका नामोनिशान खुद अपने हाथों से ही मिटाते जा रहे हैं लोग सोचते हैं कि वह अपने बच्चों का नाम कुछ अलग ही तरीके से रखें लेकिन इस अलग तरीके से रखने में वह भूल जाते हैं कि उन नामों का उन बच्चों पर कुप्रभाव भी पड़ सकता है पर वह उन बच्चों के कभी उर्दू या जर्मन या रशियन या अरबी तरीके के नाम भी रख देते हैं।
काफी सारे लोग अपने बच्चों का नाम ईश्वर शिव विष्णु महादेव सदाशिव सच्चिदानंद ओम गणेश हरि के नाम रख देते हैं ऐसा करके वह बहुत ही गलत कर रहे हैं आपको बता दें कि कभी भी अपने बच्चों का नाम किसी देवी-देवताओं के ऊपर नहीं रखना चाहिए आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बच्चों के किन नामों के रखने से क्या असर होता है इस विषय में चर्चा करने जा रहे हैं।
नाम से स्पष्ट हो पहचान
आजकल के समय में बहुत से व्यक्ति अपने बच्चों के नाम ऐसे रख लेते हैं जिससे यह नाम कौन सी भाषा का है यह ज्ञात नहीं हो पाता है जैसे कि जिया मुस्कान आलिया समीर ईशा कबीर रुबीना इसी प्रकार के बहुत से नाम है यदि लोगों को अपने बच्चों का नाम टोनी लकी स्वीटी और चंकी इस प्रकार के नाम भी नहीं रखनी चाहिए क्योंकि यदि यह नाम रखे जाएं तो धीरे-धीरे बच्चों का नाम वही पड़ जाता है।
जिसकी वजह से इसका बुरा प्रभाव पड़ता है ऐसी स्थिति में बच्चे जब बड़े हो जाते हैं तो उनका यही नाम रहता है उनको उसी नाम से पुकारा जाता है नाम को बिगड़ना नहीं चाहिए हमेशा बच्चे का नाम उसकी पहचान के लिए ही रखना उचित होता है।
बच्चों का नाम एक
आप लोगों ने देखा होगा तो बहुत से लोग अपने बच्चों का नाम दो या तीन रख देते हैं जैसे कि घर का नाम कुछ और होता है या बाहर का नाम अलग हो जाता है ऐसा करना बच्चे के भविष्य पर बुरा प्रभाव डालता है ऐसा व्यक्ति हमेशा कंफ्यूज रहता है उसके दिमाग में द्वंद बना रहता है बच्चों का ऐसा नाम रखना चाहिए जो घर में और बाहर एक ही नाम से जाना जाता है उस नाम से पुकारने पर अच्छा प्रभाव पड़ता है और लड़के का नाम तो हमेशा वही रहता है परंतु लड़की का नाम उसके विवाह के बाद ससुराल वाले बदल देते हैं यह एक बहुत ही गलत बात है उसे उस लड़की और जिस से विवाह किया है दोनों पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
नामकरण संस्कार कीजिए
ऐसा देखा गया है कि बहुत से हिंदू अपने बच्चों का नामकरण संस्कार नहीं करते हैं और वह उसके नाम को लेकर गंभीर भी नहीं रहते हैं नामकरण संस्कार करना बहुत ही आवश्यक है नामकरण संस्कार करते समय बच्चों के नाम संस्कृत या हिंदी शब्द के अनुसार ही रखना चाहिए भाषा का नाम से गहरा संबंध होता है।
नामकरण करने में
बरतें सावधानी, आपको अपने बच्चे का नामकरण करने में इंटरनेट का सहारा नहीं लेना चाहिए आप किसी पंडित या धर्म ग्रंथ का सहारा लीजिए और बच्चे का नामकरण करते वक्त उसके अर्थ के बारे में अच्छी तरह से समझ लीजिए और इस बात का भी ध्यान रखिए