भगवान आज भी इस दुनिया में मौजूद है और वह समय-समय पर हमें इस बात का एहसास दिलाते रहते हैं कि हां भगवान इस दुनिया में आज भी मौजूद है और अपने भक्तों की हमेशा पुकार सुनते हैं और उनके लिए हमेशा खड़े रहते हैं समय-समय पर ऐसे चमत्कार सुनने में आए हैं जिन्हें सुनकर आपको अपने कानों पर विश्वास नहीं होगा परंतु वह सच होता हैं जो ईश्वर की उपस्थिति के बारे में आभास कराते हैं जैसा कि हम सभी जानते ही हैं इस दुनिया में सबसे बड़ा सच है जो जन्म लेता है वह हमेशा मरता है लेकिन आज हम आपको ऐसी कहानी या ऐसे चमत्कार के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे..
क्या कभी सुना है कि मरा हुआ व्यक्ति जिंदा हो गया?
जी हां वह कहते हैं कि जन्म और मृत्यु दोनों ऊपर वाले के हाथ में है जब तक ईश्वर की इच्छा ना हो मनुष्य पृथ्वी पर जन्म नहीं ले सकता और ना ही मनुष्य मर सकता है आज हम आपको एक ऐसे चमत्कार के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं इसे जानने के बाद आप भी भगवान को मान लेंगे।
हरियाणा की है घटना
ऐसी घटना हरियाणा में हुई है जिसे जानने के बाद आप सभी को यह किसी फिल्म की कहानी के जैसा लगेगा यहां मां की पुकार सुनकर मृत बच्चे मे जान आ गई है यह मामला हरियाणा के बहादुरगढ़ से सामने आया है जहां एक बच्चे को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया लेकिन जब बच्चे के अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही थी तभी अचानक आपको बता दें कि 26 मई को दिल्ली में इलाज के दौरान डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया था इसके बाद उसी को लेकर बहादुरगढ़ आ गए सभी बच्चे के अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे मां अपने बच्चे को चूम चूम कर रो रही थी और वह अपने बच्चे को उठने के लिए कह रही थी और इसी दौरान मां की पुकार सुनकर बच्चे की सांसे चलने लगी।
शरीर में हलचल देखकर तुरंत ले गए अस्पताल
बच्चे के शरीर में हलचल देख उसे तुरंत एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां 20 दिनों के इलाज के बाद बच्चा पूरी तरह स्वस्थ हो गया प्राप्त जानकारी के अनुसार बहादुरगढ़ निवासी हितेश का पुत्र और उसकी पत्नी जानवी टाइफाइड से बीमार थी जिसके लिए उन्हें दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था और 26 मई को डॉक्टर ने बच्चों को मृत घोषित कर दिया दावा किया जा सकता है ऐसा हुआ है कि जब मां मृतक घोषित किए गए बच्चे को बुला रही थी उसने अचानक सांस लेना शुरू कर दिया।
तुरंत ले जाया गया अस्पताल
जिसके बाद बच्चे को तुरंत अस्पताल ले जाया गया और डॉक्टरों के पास बच्चे के बचने का केवल 15% मौका था। बताया गया था लेकिन परिवार ने फिर भी डॉक्टरों से कहा कि आप इलाज शुरू कर दें, जिसके बाद बच्चा तेजी से ठीक होने लगा और मंगलवार को वह पूरी तरह से स्वस्थ होकर अपने घर लौट आया. बच्चा जब ठीक होकर घर पहुंच जाता है तो पूरे गांव में खुशी का माहौल होता है। बच्चे के दादा भगवान के चमत्कार पर विश्वास कर रहे हैं। kahate hai ki