शास्त्रों मे कहा गया है कि पत्नी को कभी भी पति के साथ भोजन नहीं करना चाहिए पति के साथ जो औरतें भोजन करती है ऐसा कहा जाता है की उनके पति की उमर काम हो जाती है चूंकि आज का जमाना मॉडर्न है जिसमे नए नए विचारों वाले लोग रहते है और इस धारणा को मानना। आज के समय में ज्यादा उपयुक्त नहीं लगता पर क्या आपने कभी सोचा है की शास्त्रों मे ऐसा करने को क्यों मना किया जाता है खास कर औरतें जो पति के साथ भोजन करती हैं उनको शास्त्रों में ऐसा करने की सख्त मनाही है कारण है की अगर पति अपने पति के साथ एक ही थाली मैं भोजन करे तो वह थाली मादक द्रव्यों से भर जाती है और उसको विष माना जानें लगता है ऐसी स्थिति में साफ कहा गया है कि औरतों को पति के साथ भोजन करने से इतना बड़ा पाप लगता है जो स्वयं भगवान भी नहीं उतार पाते।
जो औरत इन नियमो का पालन नही करती है उसे भगवान का क्रोध सहन करना पड़ता है. आइये जानते है इन नियमो के बारे में जिनको न मानने से आपका बुरा समय शुरू हो जाता है.
हमेशा इन अंगों को धोकर ही करें भोजन
जब भी आप भोजन करने को जाएं तब अपने दोनो हाथ, पैर, मुह धोकर ही खाना खाएं. भोजन करने से पहले अन्न पूर्णा माता का धन्यवाद देते हुए एंव उनकी स्तुति करते हुए भोजन करे. भोजन पकाने वाली औरतो को शुद्ध मन से स्नान करने के बाद ही खाना बनाना चाहिए. जो व्यक्ति एक समय भोजन करता है वह योगी है और जो 2 बार करता है वह भोगी है ऐसा शास्त्रों में कहा गया है
हमेशा इस दिशा में करें भोजन
खाना खाने से पहले हमेशा पूर्व और उत्तर की दिशा की ओर ही मुंह करना चाहिए. क्योंकि दक्षिण दिशा की ओर किया गया भोजन प्रेत को प्राप्त होता है. पश्चिम दिशा की ओर खाना खाने से शरीर में भयंकर बीमारियां होती हैं
इस अवस्था मे बैठकर बिल्कुल भी ना करे भोजन
पड़े पड़े बिस्तर पर भोजन बिल्कुल भी ना करे। अपने हाथो पर रखकर या फिर टूटे फूटे बर्तनों में भोजन भी नही करना चाहिए. मलमूत्र का वेग होने पर भी भोजन नही करना चाहिए. इसके अलावा कलह अथवा क्लेश के माहोल में भी घर मैं भोजन नही करना चाहिए. अधिक शोर शराबे वाली जगह पर भी भोजन नही करना चाहिए. परोसे गए भोजन का कभी भी अपमान नहीं करना चाहिए
भोजन केसा होना चाहिए
खाना हमेशा एक स्वाद होना चाहिए न ही बहुत ज्यादा तीखा और ना ही मीठा होना चाहिए और किसी के द्वारा छोड़ा गया भोजन भी कभी नही खाना चाहिए. आधा खाया हुआ फल, मिठाइयाँ फिर से नही खानी चाहिए. एक बार खाना छोडकर उठ जाने के बाद दोबारा कभी भोजन नही करना चाहिए. मुह से फूंक मारकर दिया गया भोजन भी नही करना चाहिए. कंजूस के द्वारा, वैश्या के द्वारा दिया गया भोजन भी नहीं करना चाहिए.
खाना खाकर क्या नहीं करना चाहिए?
खाना खाने के बाद तुरंत पानी या चाय बिल्कुल भी नही पीनी चाहिए. खाने खाने के बाद दौड़ना, घुड़सवारी, बैठना आदि प्रकार के कार्य नही करने चाहिए. दिन में भोजन करने के बाद टहलना चाहिए और रात के समय 100 कदम टहलकर बाईं तरफ करवट लेकर सोने से भोजन का पाचन बहुत अच्छे से होता है इसलिए हमेशा टहलना चाहिए।
पति के साथ भोजन नही करना चाहिए ?स्त्रियों को अपने पति की थाली में भोजन नही करना चाहिए. एक थाली में अगर पति पत्नी साथ भोजन करते है तो ऐसी थाली मादक पदार्थो से भरी जाने वाली होती है. पत्नी को पति के भोजन करने के बाद ही खाना चाहिए इससे घर में सुख समृद्धि बढती है.
औरतें कभी भी अपनी पति के साथ भोजन न करें एक थाली में अगर पति पत्नी साथ भोजन करते है तो ऐसी थाली मादक पदार्थो से भरी जाने वाली होती है. पत्नी को पति के भोजन करने के बाद ही खाना चाहिए इससे घर में सुख समृद्धि की वर्षा होती है और पति तरक्की करता है