कहते हैं कि प्रेम अगर गहरा हो तो अमर होने में कोई शक नहीं होता है प्यार होता है या फिर भाई बहनों की बीच में माता-पिता के बीच हो या माता-पिता बच्चों के बीच में आज हम आपको एक ऐसी कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं इसमें दो भाई जिन्होंने एक साथ जन्म लिया और एक साथ उनकी मृत्यु हो गई इसमें महज 3 मिनट का फर्क था और एक ऐसी पहेली सुलझा गए जो जीवन भर किसी के लिए मिसाल बन सकती है आइए बताते हैं क्या है पूरा मामला..
दो भाइयों का अमर प्रेम
यह अमर प्रेम कहानी राजस्थान के सिरोही जिले के रेवदर उपखंड के नागणी गांव में रहने वाले दो भाइयों की है यहां रावताराम और हीराराम देवासी नाम के दो भाई रहते थे बचपन से ही दोनों भाइयों में इतना प्यार था कि उसकी नागणि ही नहीं बल्कि आसपास के गांव में भी मिसाले दी जाती थी यहां तक कि उनके नाम की कसमें भी खाई जाती थी यह अजब संयोग है कि दोनों भाइयों की मौत भी 3 दिन पहले स्वभाविक रूप से महज तीन से 4 मिनट के अंतराल में हुई।
साथ जिये, साथ खेले, साथ मरे
इन दोनों भाइयों ने बचपन एक साथ बिताया साथ रहना उनकी दिनचर्या में शामिल था बचपन में जितनी भी पढ़ाई की है साथ ही यहां तक कि दोनों की शादी भी एक साथ एक दिन में हुई थी गांव और समाज में जब किसी घर में विवाद होता था तो अगर समझाने की जरूरत होती थी तो दोनों भाई एक साथ जाकर कलह को दूर कर आते थे रावताराम की उम्र करीब 75 वर्ष बताई जा रही है हीराराम उनसे एक दो साल छोटे थे।
बड़े भाई के 3 मिनट बाद छोटे भाई का निधन
परिजनों के मुताबिक 3 दिन पहले रावताराम और हीराराम दोनों भाई पास पास लेटे हुए थे इस दौरान रावताराम की को मौत का एहसास हो गया रावताराम ने भाई हीराराम को कहा कि मेरा काम अब इस दुनिया में पूरा हो चुका है अब मैं जा रहा हूं चंद लम्हों में वही रावताराम ने आखिरी सांस ली मौजूद घरवालों के मुताबिक यह देखकर भाई हीराराम ने भी अपने भाई रावताराम को कहा भाई मैं भी आता हूं यह कहकर मात्र 4 मिनट के अंदर हीराराम की भी मौत हो गई।
रावताराम और हीरालाल जीवनभर साथ रहने के बाद 3 दिन पहले दुनिया को अलविदा कह गए। उनकी मौत की यह घटना जिस प्रकार घटित हुई कि वह आज चर्चा का विषय बनी हुई है। दोनों भाइयों का अंतिम संस्कार भी एक ही जगह एक साथ किया गया। दोनों भाइयों की मौत से गांव वाले काफी दुखी हैं। दोनों को जब अंतिम संस्कार के लिये ले जाया गया हर ग्रामीण की आंख से आंसू बह रहे थे। दोनों भाई जीवनभर एक साथ रहे और एक साथ ही दुनिया से रुखसत हो गये। इन दोनों भाइयों का एक साथ दुनिया से अलविदा कहना ग्रामीणों के लिये पहेली बना हुआ है।