जेल में कैदियों को मिलता है 5 स्टार जैसा खाना, FSSAI ने दी 5 स्टार रेटिंग
जेल एक ऐसी जगह होती है जहाँ जाने से इंसान की रूह काँप जाती है और जेल में भेजने की बात सुनकर इंसान के मन में खौफ पैदा हो जाता है. और जेल के खाने की तो बात ही मत करो – पानी के सामान दाल, पत्थर के सामान रोटी और सुखी प्याज की सलाद मिलती है. इसी मुसीबत के कारण जेल के कई कैदी बीमार तक पड़ जाते हैं. मगर आपको ये खबर सुनकर हैरानी होगी की फर्रुखाबाद की जेल में कैदियों को 5 स्टार खाना मिलता है और FSSAI ने 5 स्टार रेटिंग भी दी है. आइये जानते हैं पूरी खबर…
FSSAI ने दी 5 स्टार रेटिंग
FSSAI का खाने की गुणवत्ता, शुद्धता और साफ़ सफाई की जाँच पड़ताल करना होता है जिसका खासकर जेल में ख्याल नहीं रखा जाता है. मगर फर्रुखाबाद की जेल में रसोई और खाने की गुणवत्ता का निरीक्षण करके FSSAI ने खाने को 5 स्टार की रेटिंग दी है और अधिकारी महोदय को सम्मान पत्र भी दिया है.
FSSAI ने रेटिंग देते वक़्त कहा की जिला जेल फतेहगढ़ (फर्रुखाबाद) को मानक प्राधिकारण और भारतीय खाद्य सुरक्षा द्वारा स्थापित की गई गाइडलाइन्स के मुताबिक ईट राइट कैम्पस के रूप में प्रमाणित किया गया. इस दौरान फर्रुखाबाद के जेलर अखिलेश कुमार को सम्मान पत्र भी दिया गया और 5 स्टार रेटिंग भी दी. यह प्रमाण पत्र 18 अगस्त 2024 तक दिया गया है.
जेल को मिली इस बड़ी उपलब्धि को लेकर जेलर अखिलेश कुमार ने एक इंटरव्यू में कहा की उनको यह प्रमाण पत्र 18 अगस्त से 2022 से लेकर 18 अगस्त 2024 तक के लिए वैध है. उन्होंने आगे भी कहा की हमें थर्ड पार्टी ऑडिट के बाद यह प्रमाण पत्र से सम्मानित किया. जिसके पहले जेल की कुछ कर्मचारियों को इसकी ट्रैनिंग भी दी गई. प्रमाण पत्र प्राप्त करने से पहले FSSAI कर्मचारियों ने उन्हें मानदंडों पर आंका, जिसमें स्वच्छता, भोजन की गुणवत्ता, और शुद्धता, FSSAI-प्रमाणित दुकानों से चावल, आटा और सब्जियों की खरीद आदि शामिल हैं. आपको बता दूँ की इस जेल में कुल 1440 से ज़्यादा कैदी रहते हैं.
किसी 5 स्टार होटल से काम नहीं है फर्रुखाबाद का रसोईघर
दरअसल बाकि की जेलों की तरह फर्रुखाबाद जेल में भी खाना कैदियों की मदद से ही बनवाया जाता था जिसके कारण समय भी ज़्यादा लगता था और साफ़ सफाई का ख्याल रख पाना मुश्किल हो जाता था. और फिर खाने की क़्वालिटी का स्तर भी बरकरार नहीं रह पाता था. कोरोना काल में एक दूसरे से दूरी रख पाना और साफ सफाई रखना मुश्किल पड़ जाता था.
जिसके लिए फर्रुखाबाद की जेल में 1440 कैदियों के लिए एक नया रसोईघर बनवाया गया जिसमें 2 रोटी बनाने की मशीन, एक आटा गूंदने की मशीन और सब्जी काटने का कटर और भी नए उपकरण लगवाए गए. इसलिए यहाँ जो भी खाना बनता है उसमें इंसान का हाथ न के बराबर लगता है. खाना बनाने में कुल 6 घंटे का वक़्त लगता है. इस जेल में टोटल खाने की 2 शिफ्ट लगती हैं. और खाने की गुणवत्ता भी कमाल होती है.
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