एक जमाना था जब बेटी पैदा होने पर लोग दुख मनाते थे और तत्कालीन समय में भी ऐसे काफी लोग हैं जो बेटा होता है तब तो बहुत खुशियां मनाते हैं परंतु बेटी के जन्म के समय उदास हो जाते हैं परंतु हर कोई ऐसा नहीं होता कुछ लोग बेटी बेटे में अंतर नहीं करते बेटी पैदा होने पर खुद को भाग्यशाली समझते हुए खुशियां मनाते हैं ।बेटी पैदा हो होने के बाद खुशियां मनाते हुए आपने काफी लोगों को देखा होगा पर आपने क्या कभी किसी ऐसे को देखा है जो बेटी पैदा होने की खुशी में चांद पर ही पहुंच जाए, हां जी सही सुना आपने बेटी पैदा होने की खुशी में चांद पर ही पहुंच जाएं। बेटी पैदा होने की खुशी में आपने क्या देखा या सुना होगा कि किसी ने मिठाई बटवा दी या फिर किसी ने अपनी बेटी के लिए अच्छा सा गिफ्ट लेकर दे दिया, पर क्या आपने कभी सुना है की बेटी पैदा होने की खुशी में किसी ने अपनी बेटी के लिए चांद पर जमीन ही गिफ्ट कर दी अगर नहीं तो जरूर जानिए इस शख्स के बारे में..
पिता को अपनी बेटी का चेहरा चांद की तरह लगता था इसलिए चांद पर कर दी जमीन गिफ्ट..
आस्था चाँद पर ख़रीदे गये प्लॉट के काग़ज़ात के साथ
मीडिया के अनुसार बेटी के पिता डॉक्टर सुखविंदर कुमार झा और मां डॉक्टर सुधा झा ने अपनी बेटी का नाम आस्था रखा है जिन्होंने हाल ही में अपना 10वां जन्मदिन मनाया है और वह पांचवी कक्षा में पढ़ती है। अपनी बेटी के 10 वें जन्मदिन पर आस्था के माता पिता ने चांद पर एक प्लॉट की रजिस्ट्री करा कर प्लॉट के रजिस्ट्री पेपर आस्था को गिफ्ट किए। आस्था के पिता सुखविंदर एक कार्डियोलॉजिस्ट है।
चाँद पर प्लॉट गिफ़्ट करने की बजह
अपने माता पिता के साथ में आस्था
आस्था के पिता ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उनके खानदान में कई पीढ़ियों के बाद एक लड़की ने जन्म लिया और उन्होंने बताया कि उनकी बेटी का चेहरा चांद की तरह है तो उसको चांद से कम क्या गिफ्ट करता..? चांद पर प्लॉट की रजिस्ट्री कराने के लिए उन्होंने डेढ़ साल तक कड़ी मशक्कत की और कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार उन्हें अमेरिका की लूना इंटरनेशनल सोसायटी ने चांद पर प्लॉट की रजिस्ट्री का डॉक्यूमेंट भेज दिया। गनीमत है कि लूना इंटरनेशनल सोसायटी चांद पर प्लॉट की रजिस्ट्री का काम देख रही है।
डेढ़ साल की कड़ी मशक़्क़त के बाद मिला चाँद पर प्लॉट
आस्था के माता पिता दोनो पेशे से हैं डॉक्टर
सुखविंदर ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि चांद पर जमीन खरीदने के लिए उन्होंने इंटरनेट पर काफी रिसर्च की और एक बार प्लॉट की रजिस्ट्री हो जाने के बाद उन्होंने यह सर्टिफिकेट अपनी बेटी को जम्मू के कटरा में मां वैष्णो देवी के दरबार में सौंप दिया।इंटरनेट पर काफी रिसर्च करने के बाद सुखविंदर को अमेरिका की कैलिफोर्निया की लूना सोसाइटी के बारे में पता चला जिससे उन्होंने मेल के जरिए चांद पर जमीन की खरीद फरोश्त से संबंधित सारी जानकारी प्राप्त की और डेढ़ साल की कड़ी मशक्कत के बाद चांद पर प्लॉट खरीद लिया और अब इस प्रकार आस्था चांद पर जमीन की मालकिन बन चुकी है।
हालांकि यह पहली बार नहीं हुआ है इससे पहले भी गुजरात के एक व्यापारी ने सन 2015-16 में अपनी 6 माह की बेटी नव्या के लिए चांद पर जमीन खरीदी थी।