विपिन रावत का हेलीकॉप्टर क्रैश नहीं थी कोई दुर्घटना ये थी हेलीकॉप्टर क्रैश की असली वजह जो अब आई है सामने..

सीडीएस बिपिन रावत को तो आप सब बहुत अच्छे से जानते ही होंगे बिपिन रावत भारतीय आर्मी में सबसे बड़े ऊंचे पद पर स्थित थे हाल ही में विपिन रावत जी का निधन हो गया उनके निधन की वजह हेलीकॉप्टर क्रैश थी लेकिन हेलीकॉप्टर क्रैश के पीछे क्या वजह थी यह दुर्घटना फिर कैसे हुई इसका पता नहीं लग पाया था हालांकि अब इस दुर्घटना के पीछे की वजह से पर्दा हट चुका है आज हम आपको इसी वजह के बारे में बताने जा रहे हैं।

यह पहला मौका है जब वायु सेना ने पब्लिक डोमेन में अपनी जांच रिपोर्ट पेश की है जांच के बाद उस कारण का पता लगा लिया गया है इस वजह से यह दुखद घटना हुई जांच कमेटी ने किसी भी तरह की टेक्निकल फॉल्ट से इनकार किया है आपको आगे बताते हैं कि बिपिन रावत के हेलीकॉप्टर क्रैश की असली वजह क्या थी।

क्या थी हेलीकॉप्टर क्रैश की असली वजह

आपको बता दें कि पिछले साल 8 दिसंबर को सीडीएस बिपिन रावत की हेलीकॉप्टर क्रैश में मौत हो गई थी उनकी पत्नी और 12 अन्य अधिकारियों ने भी उस दर्दनाक हादसे में अपनी जान गवा दी थी अब तीनों सेवाओं की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ने अपनी रिपोर्ट सामने रख दी है बताया गया है कि मौसम में खराबी इस हादसे की मुख्य वजह थी।

खराब मौसम में जमीन से टकराया हेलीकॉप्टर

जांच रिपोर्ट में बताया है कि हादसे वाले दिन मौसम खराब हो गया था और जिस समय बिपिन रावत के हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरी थी तब कुन्नूर के बादलों ने पायलट के व्यू को ब्लॉक कर दिया था जिससे उसे अचानक आगे कुछ भी नहीं दिखाई दिया और उसी वजह से हेलीकॉप्टर जमीन से जा टकराया अभी के लिए जांच में किसी भी तरह की मैकेनिकल फॉल्ट से इंकार कर दिया गया है हादसे की वजह मौसम में खराबी ही बताई जा रही है।

पब्लिक डोमेन में जांच रिपोर्ट

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस हादसे की जांच एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह की अगुवाई में पूरी की गई है उनकी तरफ से एक विस्तृत रिपोर्ट रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भी सौंप दी गई है यह पहली बार है जब भारतीय वायु सेना द्वारा पब्लिक डोमेन में हादसे की जांच रिपोर्ट शेयर की गई है जांच के दौरान भविष्य के लिए कुछ जरूरी सुझाव भी दिए गए हैं।

रावत का मिशन था सेना का एकीकरण

बिपिन रावत की सैन्य कैरियर की बात की जाए तो उन्होंने बतौर सीडीएस कई अहम कदम उठाए थे वो तीनों सेनाओं के एकीकरण का बड़ा काम करने जा रहे थे उन्होंने उस कड़ी में फैसले भी लिए थे इसके अलावा सेना के आधुनिकीकरण पर भी उनका फोकस था वे चाहते थे कि भारत रक्षा हथियारों के मामले में आत्मनिर्भर बन जाए लेकिन जमीन पर कुछ पुख्ता हो पाता उससे पहले ही इस हेलीकॉप्टर क्रैश मे उनकी जान चली गई