कहते हैं कि जिसे उड़ना होता है उसे आप पिंजरे के कैद कर नहीं रख सकते और चाहे उसे कितनी भी तकलीफें झेलनी पड़े या दुःख सहना पड़ जाए वह इंसान अपने लक्ष्य तक पहुँच जाने का कोई ना कोई रास्ता ढूंढ ही लेता है। कुछ ऐसी ही प्रेरणादायक कहानी है गुजरात की कोमल गनात्रा की जिन्होंने कई मुश्किलों के बावजूद अपने लक्ष्य को अपनी नजरों से कभी ओझल न होने दिया।
बचपन से ही थीं एक मेधावी छात्रा
बचपन से ही पढाई में काफी होनहार कोमल ने कई मौकों पर अपने माँ-बाप का नाम रौशन किया। चूंकि वह शुरू से ही एक मेधावी छात्रा थीं तो अच्छे अंक लाकर हमेशा अव्वल रहना उनके लिए एक आम बात थी। उनकी दिली ख्वाहिश हमेशा से आईएएस अफसर जैसे पदों पर पहुँचने की रही। इसी वजह से ग्रेजुएशन करते हुए ही वह गंभीरता से सिविल सर्विस की तैयारियों में लीन हो गईं।
1000₹ महीने की नौकरी की
कोमल की विशेषता का अंदाजा आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि उन्होंने 3-3 विश्वविद्यालयों से स्नातक की डिग्री हासिल की और इस दौरान वह मात्र हजार रुपये में कहीं एक शिक्षिका के रूप में अपनी सेवा भी दे रहीं थीं। कुल मिला कर आप यह कह सकते हैं कि आर्थिक और अन्य रूप से संघर्ष कर रही कोमल के हिम्मत में कोई कमी नहीं थी।
शादी के टूटने से हौसला डगमगाया
इस दौरान ही उनकी शादी एक एनआरआई से कर दी गयी। कोमल के मन में उसके लिए प्यार और सम्मान बढ़ने ही लगा था कि उसने अपने अंदर के लालची इंसान को बाहर निकाला और कोमल के परिवार से दहेज़ की मांग करने लगा। केवल इतना ही नहीं अपनी मांग के पूरा ना होने पर उसने कोमल को प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल ना होने देने की धमकी भी दी।
शादी को बचाने के लिए की पूरी कोशिश
बाद में वह शख्स हमेशा के लिए कोमल को छोड़ कर न्यूजीलैंड के लिए रवाना हो गया। इतना सब होने के बावजूद कोमल ने अपनी शादी को बचाने के खूब प्रयास किए। उन्होंने न्यूजीलैंड की सरकार से संपर्क करने की भी कोशिश की और इसके अलावा भी जो उनके बस में था उन्होंने किया लेकिन जो वापस आना ही नहीं चाहता है उसे आप आखिर कैसे बुला सकते हैं।
समाज के तानों का जवाब अफसर बन कर दिया
इसके बाद शुरू हुए समाज के ताने और लोगों के द्वारा मज़ाक उड़ाने का सिलसिला, यह वक़्त कोमल के लिए काफी दुःखद था क्योंकि वह मात्र 26 साल की ही थीं जिसे अचनाक से इतनी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और 2012 में अपनी तीसरी कोशिश में आईएएस की परीक्षा में सफल हुईं। आज कोमल एक आईआरएस के रूप में देश की सेवा कर रहीं हैं और उनका एक हँसता खेलता परिवार भी है।