मां बाप की इस एक बड़ी गलती की वजह से उनके बच्चे बन जाते हैं किन्नर…

किन्नर यह शब्द सुनते ही हर किसी के दिमाग में एक ही चीज आती है कि किन्नर आखिर वह होते हैं जो हमारे यहां शादी या बच्चे पैदा होने पर नाचने गाने के लिए अपनी दुआएं देने के लिए आते हैं। पर क्या आप जानते हैं जीवन की किन दौरों से इन लोगों को गुजरना पड़ता है ।आखिर कितनी जिल्लत भरी जिंदगी इनको जीनी पड़ती है ।आज हम आपको इसी के बारे में बताने जा रहे हैं कि मां-बाप की वह गलतियां जिनकी वजह से बच्चे गर्भ  में ही बन जाते हैं किन्नर।


किन्नर एक ऐसा शब्द है जिसको ना तो स्त्री और ना ही पुरुष में गिना जाता है। यह स्त्री और पुरुष की परिभाषा से एकदम बाहर है जिन्हें हिजड़ा या किन्नर के नाम से भी पुकारा जाता है। आज हम आपको किन्नरों के बारे में कुछ ऐसे तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें सुनकर आप उत्सुक हो जाएंगे और उनके बारे में और भी जानने के लिए उत्सुकता से भर जाएंगे।

इनको देखकर कुछ सवाल ऐसे हैं

जो सभी लोगों के जेहन में आते हैं जैसे कि यह कैसे रहते होंगे? किस वजह से पैदा हुए? और इनकी शारीरिक इच्छाएं क्या होती है? आखिर इनको क्यों जन्म मिला ?और इनका जन्म किन्नर प्रजाति में ही क्यों हुआ? क्या ऐसा  उनके मां-बाप में कमी के कारण होता है। आमतौर पर हर त्यौहार और जश्न के मौके पर जिस तरह हर धर्म समुदाय के लोग आपस में मिलते हैं, उस तरह किन्नर हर मौके पर नहीं आते वह सिर्फ खास मौकों पर ही आते हैं।

किन्नरों का

समाज में उनके रहन-सहन जीने का तौर तरीका सब कुछ एकदम अलग है। किन्नरों का जन्म आज भी समाज के बीच एक गहरा रहस्य बना हुआ है। उनके जन्म से जुड़ी इनकी पहचान लैंगिक रूप से नर और नारी के बीच होते हैं, किन्नर देखा जाए तो शारीरिक रूप से नर होते हैं लेकिन कुछ स्त्री भी होती हैं। लेकिन अभी तक  पता नहीं लगाया जा सका है कि आखिरकार किन्नरों का जन्म क्यों होता है ?अगर बात करें ज्योतिष शास्त्र और पुराणों की तो किन्नरों के जन्म को लेकर इनके भी कई अलग-अलग दावे हैं..

आज हम आपको

बताने जा रहे हैं कि ज्योतिष शास्त्र में कुछ ऐसे राज बताए गए हैं जो बताते हैं कि एक किन्नर के किन्नर होने का क्या कारण होता है ।वही आपको यह भी बता दें कि व्यक्ति की कुंडली से हम यह भी बता सकते हैं कि उसमें कितनी प्रजनन क्षमता है। किसी व्यक्ति के नपुंसक होने का प्रमाण उसकी कुंडली भी दे सकती है। जिस तरह से ज्योतिष शास्त्र में जन्मपत्री के आठवें घर में शुक्र और शनि मौजूद हों और इन्हें गुरू, चन्द्र नहीं देख रहे हों तो व्यक्ति नपुंसक हो सकता है। उसी प्रकार ज्‍योतिष में ये भी बताया गया है कि आखिर क्‍यों और किस योग के बनने से किन्‍नर जन्‍म ले लेते हैं।