ग्रेगोरियन कैलेंडर, यह वहीं कैलेंडर है जिसका आज हम उपयोग करते हैं दिन, तिथि, ग्रह-नक्षत्र देखने के लिए। ग्रेगोरियन कैलेंडर को पहली बार 1582 में दुनिया के सामने लाया गया था। इससे पहले जूलियन कैलेंडर का उपयोग किया जाता था। जूलियन कैलेंडर में काफी ज्यादा अशुद्धियां होने के कारण इस कैलेंडर को बनाया गया।
आपको बता दें कि ग्रेगोरियन कैलेंडर ईसाई कैलेंडर है। इस कैलेंडर को पश्चिमी ईसाई कैलेंडर कहते हैं। आज के समय में यह दुनिया में सबसे ज्यादा उपयोग किया जाने वाला कैलेंडर है। आज हम आपको अपने इस पोस्ट के माध्यम से इस कैलेंडर से जुड़ी कुछ रोचक बात बताने जा रहें हैं।
क्यों बदला गया जूलियन कैलेंडर
जूलियन कैलेंडर को बदलकर ग्रेगोरियन कैलेंडर लाने के पीछे का कारण यह था कि जूलियन कैलेंडर में बहुत सारी अशुद्धिया थी। जैसे कि यह कैलेंडर सही ढंग से नहीं बताता था की पृथ्वी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने में कितना वक्त लेती है। इस कैलेंडर में हर 4 साल में एक बार लिप डे जोड़ा जाता था जो कि बहुत बार होता था।
जूलियन कैलेण्डर के इस त्रुटि को दूर करने के लिए लाया गया ग्रेगोरियन कैलेंडर
हालांकि इस बात की भी कोई पुष्टि नहीं है कि ग्रेगोरियन कैलेंडर साल में आने वाले लीप डे की सही गणना के लिए सही और सटीक नियम का उपयोग करता है।
आपको बता दे की जूलियन कैलेंडर पहले उष्णकटिबंधीय संक्रांति जैसे खगोलीय घटना से दूर हो गया। फिर उसके बाद यह 45 वीं शताब्दी की शुरुआत के थोरे समय बाद वसंत, विषुव और शीतकालीन संक्रांति जैसी खगोलीय घटनाओं से भी दूर हो गया।
ग्रेगोरियन कैलेंडर अपनाने से कुछ दिन कम हो गए
जूलियन कैलेंडर के इस त्रुटि को ढूंढकर सही करने और नए ग्रेगोरियन कैलेंडर को खगोलीय मौसम के साथ सिंक करने के लिए कई दिनों को छोड़ना पड़ा। आइए हम आपको एक उदाहरण लेकर इसको समझाते हैं। उदाहरण के लिए उत्तरी अमेरिका देश को लेते हैं। उत्तरी अमेरिका में, साल 1752 में सितंबर के महीने में केवल 19 दिन थे, क्योंकि ग्रेगोरियन कैलेंडर को खगोलीय मौसम के साथ सिंक करने में दिन की गिनती 2 सितंबर से सीधे 14 सितंबर तक चली गई। इसलिए वहां सितंबर में सिर्फ 19 दिन ही माने गए।
सबसे पहले इन पांच देशों ने अपनाया ग्रेगोरियन कैलेंडर को
साल 1582 में जब ग्रेगोरियन कैलेंडर को दुनिया के सामने पेश किया जाना था। तब पोप ग्रेगरी XIII द्वारा जारी पोप बैल ने यह आदेश दिया कि ग्रेगोरियन कैलेंडर पर स्विच करते समय 10 दिनों को छोड़ दिया जाए। हालांकि, उस वर्ष केवल पांच देशों ने नई कैलेंडर प्रणाली को अपनाया। यह 5 देश थे इटली, पोलैंड, पुर्तगाल, स्पेन और अधिकांश फ्रांस।
चूंकि जूलियन कैलेंडर और खगोलीय मौसम के बीच की त्रुटि आने वाली शताब्दियों में समय के साथ बढ़ती जा रही थी। जिसकी वजह से और भी देशों ने ग्रेगोरियन कैलेंडर को अपनाना शुरू कर दिया। फिर जिन देशों ने बाद में ग्रेगोरियन कैलेंडर को अपनाया उन्हें और अधिक दिनों को छोड़ना पड़ा।
आइए समझते हैं इसको एक उदाहरण के जरिए-
साल 1752 में जब अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन ने ग्रेगोरियन कैलेंडर को अपनाया तब उनके साल के 11 दिन कम हो गए। साल 1872 में जापान ने जब इस कैलेंडर को अपनाया तब उनके साल के 12 दिन कम हो गए। और कुछ अन्य देश, जैसे कि रूस, ग्रीस और तुर्की ने 20वीं शताब्दी के अंत में इस कैलेंडर को अपनाया, इसलिए उन्हें 13 दिनों को छोड़ना पड़ा।
साल 1582 से 1927 तक सभी देशों को ग्रेगोरियन कैलेंडर अपनाने में लगभग 3 शताब्दी बीत गई। नीचे दी गई तालिका से आप समझ सकते हैं कि कुछ देशों में कैलेंडर सुधार कब हुआ।
आपको बता दें कि इस सूची में केवल वही देश शामिल है जो ग्रेगोरियन कैलेंडर का उपयोग करने से पहले जूलियन कैलेंडर का उपयोग करते थे।
इस वजह से कम हुए दिन
आपको बता दें कि जूलियन कैलेंडर को छोड़कर ग्रेगोरियन कैलेंडर अपनाने के बीच में कई देशों ने कई और दूसरे कैलेंडर का उपयोग किया। जिसका रिजल्ट यह हुआ कि लीप वर्ष का नियम हर देश के लिए अलग-अलग था। यही वजह था कि अलग-अलग देशों में अलग-अलग दिनों की कमी की गई।
लीप इयर को लेकर हैं दोनों कैलेंडर में अंतर
ग्रेगोरियन कैलेंडर की बात करें तो, अधिकांश वर्ष जो 100 से विभाजित होते हैं, सामान्य वर्ष होते हैं। लेकिन यही चीज जूलियन कैलेंडर में उल्टी होती है। जूलियन कैलेंडर में जो वर्ष 100 से विभाजित होते हैं वो लीप वर्ष होते हैं। इसका मतलब यह हुआ कि 1700, 1800 और 1900 उन देशों में लीप वर्ष थे जो ग्रेगोरियन कैलेंडर की जगह जूलियन कैलेंडर का उपयोग कर रहे थे। जैसे कि, ग्रीस। जबकि ग्रेगोरियन कैलेंडर को अपनाने वाले देशों में ये वर्ष सामान्य वर्ष थे। जैसे कि, जर्मनी।
आने वाले सालों में 14 दिन हो जाएगा कम
वर्तमान में जूलियन कैलेंडर, ग्रेगोरियन कैलेंडर से 13 दिन पीछे है। इसलिए जूलियन कैलेंडर से ग्रेगोरियन कैलेंडर में बदलने के लिए आपको 13 दिन अधिक जोड़ना पड़ेगा। और ग्रेगोरियन से जूलियन में बदलने के लिए 13 दिन घटाना पड़ेगा। आपको बता दें कि वर्ष 2100 में दो कैलेंडर प्रणालियों के बीच का अंतर बढ़कर 14 दिन हो जाएगा।
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