भारत के इस गांव के आगे नहीं टिकता कोई भी शहर, इस गांव के बैंक में जमा हैं करीब 5000 करोड़ से भी ज्यादा की रकम…

भारत कितना गरीब देश है यह सब तो हम जानते ही हैं लेकिन हम यह भी जानते हैं कि भारत में गांव की संख्या शहरों की संख्या से काफी ज्यादा अधिक है इसीलिए सरकार या कोई भी राजनीतिक पार्टी गांव को ज्यादा से ज्यादा आधुनिक बनाने पर जोर देती है क्योंकि भारत एक कृषि प्रधान देश होने के नाते इसमें गांव की संख्या काफी ज्यादा है लेकिन आज हम आपको एक ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे सुनकर आप सोचेंगे कि क्या वाकई यह गांव है जी हां आज हम आपको एक ऐसे गांव के बारे में बताएंगे जो गांव के नाम पर शहर से भी ज्यादा आधुनिक और तकनीकी सेवाओं से लैस है और इस गांव को देखते ही लगता है कि जैसे हम किसी स्वर्ग में आ गए हैं आइए बताते हैं कौन सा है वह गांव..

हैरानी हो रही है ना इस खबर को जानकर कि क्या कोई ऐसा भी गांव है वो भी भारत में जिसके बैंक में 5000 करोड रुपए से ज्यादा जमा है तो हैरान मत होइए यह बिल्कुल सही खबर है भारत में गुजरात में एक ऐसा अमीर गांव है आपको यह जानकर भी हैरानी होगी कि यह गांव भारत का ही नहीं दुनिया का सबसे अमीर गांव है।


गुजरात का मधापार गांव

आपने भारत के गांव की बदहाली की खबरें अभी तक बहुत पढ़ी होगी लेकिन आज हम भारत के एक ऐसे गांव में ले चलेंगे जो आपके दिलो-दिमाग में बैठी गांव की तस्वीर को एक बार मैं बिल्कुल बदल देगा गुजरात के कच्छ में स्थित इस गांव का नाम है मधापार 1990 के दशक में ही ये गांव देश के सबसे पहले हाईटेक गांव के रूप में विकसित हो चुका था।


मधापार दुनिया का सबसे अमीर गांव

अगर आप गांव के सभी लोगों की संपत्ति का विवरण रखें तो मधापार भारत ही नहीं दुनिया के सबसे अमीर गांव की लिस्ट में शामिल है इस गांव में करीब 70 सौ घरों वाले मधापार गांव में 17 बैंक हैं बैंक में डिपॉजिट या जमा के मामले में यह गांव दुनिया के सबसे अमीर गांव में से एक है इस गांव के बैंकों में 92000 लोगों की 5000 करोड़ रुपए से अधिक रकम जमा है गांव के बैंक में औसतन प्रति व्यक्ति करीब 1500000 रुपए जमा है गौरतलब है कि मधापार कच्छ के मिस्ट्रियों द्वारा बनाए गए 18 गांव में से एक है।


गांव में आधुनिक सुविधाएं मौजूद

17 बैंकों के अलावा मधापार गांव में स्कूल कॉलेज जिला हरियाली बांध स्वास्थ्य केंद्र और मंदिर भी है गांव में एक अत्याधुनिक गौशाला भी है अब सवाल उठता है कि आखिर मधापार गांव भारत के पारंपरिक गांव से इतना अलग क्यों है?

मधापार के ज्यादातर लोग NRI हैं

मधापार गांव के ज्यादातर लोग एन आर आई हैं उन्होंने देश के बाहर रहकर काम किया और पैसे कमा कर गांव की तरक्की में योगदान किया और यहां के बैंकों में पैसा जमा किया इन लोगों ने मिलकर गांव में स्कूल कॉलेज स्वास्थ्य केंद्र मंदिर बांध ग्रीनरी और जिलों का निर्माण कराया आपको जानकर हैरानी होगी कि साल 1968 में नएनआरआई लोगों ने लंदन में मधापार विलेज एसोसिएशन नाम के एक संगठन की स्थापना कर दी थी जिसका उद्देश्य गांव की छवि को बेहतर बनाना था।