मृत्‍यु भोज न देकर गांव में बनवा दिया पुल, पिता के निधन के बाद बेटे ने पूरा किया उनका सपना

देश में अधिकतर लोग सामूहिक समस्या के समाधान के लिए सरकारी शिक्षण का इंतजार करते हैं और इस इंतजार में समस्याएं बढ़ती रहती हैं. देश में कुछ सामर्थ्यवान लोग ऐसे भी हैं जो लोगों की समस्या के समाधान के लिए सरकारी सिस्टम का इंतजार नहीं करते और निजी प्रयासों से ही लोगों की समस्या दूर करने का जज्बा रखते हैं. एक ऐसा ही मामला बिहार के मधुबनी जिले से सामने आया है जहां एक शख्स ने लोगों की समस्या को देखते हुए सड़क पर पुल बनवा दिया.

5 लाख खर्च करके बनवाया पुल

मधुबनी जिले के कलुआही प्रखंड के नरार पंचायत में गांव की सड़क पर पुल ना होने की वजह से बरसात में गांव वालों को गांव से बाहर जाने में मुश्किल होती थी. वैसे तो यह काम सरकार को कराया था लेकिन गांव वालों की इस समस्या को एक ग्रामीण ने निजी तौर पर लिया और इसका हल निकाला. एक ग्रामीण ने 5 लाख रुपए खर्च करके गांव वालों की समस्या दूर करने के लिए पुल का निर्माण करवा दिया.

पिता का सपना पूरा किया

महादेव झा नाम के एक बुजुर्ग ने अपने गांव वालों की परेशानी का समाधान करने के लिए एक सपना देखा था. उन्होंने अपनी पत्नी और बेटे से कहा कि उनके निधन के बाद श्राद्ध भोज पर पैसा खर्च करने के बजाय गांव की सड़क पर पुल बनवा दें. महादेव झा के बेटे सुधीर जाने अपने दिवंगत पिता के इस सपने को पूरा करने के लिए 5 लाख की लागत लगाकर गांव की सड़क पर पुल का निर्माण करवाया. पिता के कहे अनुसार उन्होंने श्राद्ध भोज में पैसा खर्च करने की बजाय गांव वालों की समस्या का हल निकाला.

महादेव की पत्नी महेश्वरी ने कहा

दिवंगत बुजुर्ग महादेव की पत्नी महेश्वरी देवी कहा कि उनके पति पेशे से शिक्षक थे जिनका 2020 में निधन हो गया. परिवार ने उनकी इच्छा के अनुसार श्राद्ध भोज पर पैसा ना खर्च करके ग्रामीणों के लिए पुल का निर्माण करवाया. महेश्वरी देवी कहां कि उनके पति पेशे से शिक्षक थे जिनका 2020 में निधन हो गया. परिवार ने उनकी इच्छा के अनुसार श्राद्ध भोज पर पैसा ना खर्च करके ग्रामीणों के लिए पुल का निर्माण करवाया.

दिवंगत महादेव झा के छोटे भाई महावीर झा का कहना है गांव में पुल बनने के बाद लोगों को काफी राहत मिली है. खासकर उन किसानों को जिन्हें बरसात के मौसम में कमर तक पानी में तैर कर खेत. पहुंचना होता था. अब गांव वालों को इस समस्या से निजात मिल गए हैं. महादेव जा के परिवार में बात को सच कर दिखाया कि सरकारी सिस्टम के भरोसे रहने की बजाय निजी प्रयासों से समाज की दिशा बदली जा सकती है.

Leave a Comment