मुकेश अंबानी के घर के नौकरों को करना पड़ता है इतना मुश्किल टेस्ट पास, छूट जाते हैं अच्छे अच्छों के पसीने..

 
मुकेश अंबानी को आज कौन नहीं जानता मुकेश अंबानी भारत के ही नहीं बल्कि एशिया के भी सबसे अमीर आदमी है जिन्हें रिलायंस कंपनी के मालिक के तौर पर जाना जाता है।
मुकेश अंबानी का जन्म 19 अप्रैल 1957 को यमन में हुआ था वह एक भारतीय व्यवसाई हैं और इंडिया टाइम्स के अनुसार 31 मार्च सन 2020 तक उनकी संपत्ति लगभग 48 अरब डॉलर है।

एशिया के सबसे अमीर आदमी है मुकेश अंबानी

रिलायंस इंडस्ट्री के मालिक भी हैं और कंपनी के सबसे बड़े शेयर होल्डर भी हैं मुकेश अंबानी के पिता धीरूभाई अंबानी ने रिलायंस कंपनी की स्थापना की थी और इसके बाद यह कंपनी दो भागों में बटग गई थी एक भाग मुकेश अंबानी को मिला था और दूसरा अनिल अंबानी को अनिल अंबानी आज दिवालिया हो चुके हैं और मुकेश अंबानी ने आज उन ऊंचाइयों को छू लिया है जहां एशिया के सबसे अमीर आदमी के रूप में जाने जाते हैं।


 

दुनिया का सबसे आलीशान घर है मुकेश अंबानी के पास

मुकेश अंबानी का घर एंटीलिया भी दुनिया के सबसे आलीशान और महंगे घरों की लिस्ट में शामिल है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अंबानी के नौकर की सैलरी कितनी है और उसका चयन कैसे होता है रिपोर्ट के मुताबिक अंबानी के नौकरों की सैलरी एक नए पदस्थ आईएएस ऑफिसर की सैलरी से ज्यादा होती है आईएएस ऑफिसर की सैलरी हर महीने ₹56000 से शुरू होकर के लिए ₹250000 तक जाती है।

मुकेश अंबानी के नौकरों की सैलरी होती है इतनी

इस तरह की जानकारी सामने आई थी इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है आइए जानते हैं कि अंबानी के घर के नौकर का चयन कैसे होता है उनकी सैलरी कितनी है अंबानी के घर में करीब 600 नौकर हैं अंबानी के नौकरों को सैलरी में प्रतिमाह ₹200000 दिए जाते हैं इसके अतिरिक्त उन्हें इंश्योरेंस जैसी सुविधाएं भी मिलती हैं इनके घर में नौकरों को रखने के लिए इनकी स्पेशल परीक्षा भी होती है।

लिया जाता है नौकरों का टेस्ट

एक कंपनी की तरह ही पहली नौकरों का इंटरव्यू लिया जाता है और उनका लिखित रूप में टेस्ट लिया जाता है इसलिए कि टेस्ट को जो पार कर लेते हैं उनको इंटरव्यू के अगले राउंड के लिए सिलेक्ट किया जाता है नौकरों का मेडिकल टेस्ट होता है इस टेस्ट में अगर कोई अनफिट पाया जाता है तो उस व्यक्ति को नौकरी के लायक नहीं समझा जाता। काफी सारी कठिन परीक्षाओं के बाद उनको ट्रेनिंग दी जाती है और अंत में उनको नौकरी पर रख लिया जाता है।