ऑटो में बैठने तक के पैसे नहीं थे राजपाल के पास आज हैं करोड़ो के सम्पति मालिक,पत्नी भी है बला की खूबसूरत
बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री के बेहतरीन कॉमेडियन और लोकप्रिय फिल्म अभिनेता राजपाल यादव, जिन्होंने अपनी काॅमेडी और अभिनय से लोगों को खूब हँसाया हैं आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। राजपाल यादव ने बॉलिवुड में अपनी पहचान, अपनी कड़ी मेहनत और टैलेंट के दम पर बनाई है। जिस वजह से आज वो फिल्मी दुनिया में अपनी एक अलग पहचान रखते हैं। राजपाल यादव एक ऐसे काॅमेडियन बने जिन्हें लोग आज भी फिल्मों में देखना काफ़ी पसंद करते हैं। उनके काॅमेडी से दर्शकों का भरपूर मनोरंजन होता है। लेकिन अपने काॅमेडी के जरिए लोगों के दिलों पर राज़ करने के लिए राजपाल यादव ने कडी मेहनत के साथ-साथ काफी संधर्ष भी किए। तो आईए जानते हैं राजपाल यादव की निज़ी जिन्दगी और उनके संघर्ष के बारे में.
कैसी थी अभिनेता की पहले की ज़िंदगी
राज पाल यादव का जन्म 16 मार्च 1971 को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में हुआ। उनको को बचपन से ही अदाकारी करने और लोगों को हँसाने का शौक था। राजपाल यादव ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत दूरदर्शन के टेलीविजन धारावाहिक मुंगेरी के भाई नौरंगीलाल से की इसमें राजपाल ने नायक के रूप में अभिनय किया। यह दूरदर्शन पर चलने वाले टेलीविजन कार्यक्रम मुंगेरीलाल के हसीन सपने की अगली कड़ी थी। इसके बाद राजपाल यादव ने साल 1999 में रिलीज हुई फिल्म ‘दिल क्या करे’ से बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा था।
हालाँकि राजपाल यादव को नकारात्मक भूमिकाओं में लोगों द्वारा ज्यादा पसंद किया गया, लेकिन फिर उन्हें प्यार तूने क्या किया में हास्य भूमिकाएँ के रोल करने पर और भी पसंद किया गया। इस तरह के छोटे-मोटे रोल निभा कर राजपाल यादव ने अपने करियर की शुरुआत की थी।
नकारात्मक किरदार निभाने के वावजूद भी जीते हैं कई पुरस्कार
साल 2000 में रिलीज़ हुई फिल्म जंगल में उन्हें उनके किरदार के लिए स्क्रीन सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार के लिए नामांकन किया गया. साथ ही साथ एक नकारात्मक भूमिका में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार भी दिया गया और फिल्म मैं माधुरी दीक्षित बन्ना चाहती हूँ के लिए यश भारती पुरस्कार से भी नवाज़ा गया। राजपाल यादव को जनपद रत्न पुरस्कार भी दिया गया।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राजपाल यादव पिछले 22 सालों से फिल्म इंडस्ट्री की दुनिया से जुड़े हुए हैं और इन्होंने सिनेमा से लेकर टीवी इंडस्ट्री तक अपनी बेहतरीन कॉमिक अंदाज और अभिनय से दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया है। राजपाल यादव ने अपनी कॉमेडी का तड़का लगाकर 100 से भी ज्यादा फिल्मों से लोगों का भरपूर मनोरंजन किया है।
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कई अन्य भाषाओं कि भी फिल्मों में भी काम किया है राजपाल ने
राजपाल यादव ने हिंदी के अलावा कई अन्य भाषाओं की फिल्मों में भी काम किया है। वैसे तो राजपाल यादव जिस भी फिल्म में हो वो फिल्म बहुत ही मजेदार होती हैं लेकिन उनकी कुछ बेहद ही बेहतरीन फिल्मों की बात करें तो इसमें ‘जंगल’, ‘कंपनी’, ‘कम किसी से कम नहीं’, ‘हंगामा’, ‘मुझसे शादी करोगी’, ‘मैं मेरी पत्नी और वो’, ‘अपना सपना मनी मनी’, ‘फिर हेराफेरी’, ‘चुप चुपके’ और ‘भूल भुलैया’ जैसी कई फिल्में शामिल हैं।
किसी फिल्म से कम नहीं हैं राजपाल यादव की लवस्टोरी
किसी फिल्म की कहानी से कम नहीं है राजपाल यादव की प्रेम कहानी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि साल 2002 में जब राजपाल यादव अपनी फिल्म ‘द हीरो: लव स्टोरी ऑफ स्पाय’ की शूटिंग के लिए कनाडा गए हुए थे। तब वहीं राजपाल यादव के एक दोस्त ने उन्हें राधा नाम की लड़की से मुलाकात कराई। राधा से कुछ ही मुलाकातों के बाद राजपाल की उनसे काफी अच्छी दोस्ती हो गई और इन दोनों के बीच प्यार परवान चढ़ने लगा। वही जब राजपाल फिल्म की शूटिंग खत्म करने के बाद वापस मुंबई लौट आए तब भी राधा से उनकी बातचीत जारी रही।
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कहते हैं कि प्यार हर सीमाएँ लांघ जाती हैं ऐसा ही कुछ हुआ राजपाल और राधा के साथ, कुछ समय बीत जाने के पश्चात राधा भी कनाडा छोड़कर राजपाल यादव के साथ रहने के लिए मुंबई आ गई। और इसके बाद ये दोनों जोड़े विवाह के पवित्र बंधन में बंध गए। हालांकि इनके बीच 9 साल का अंतर हैं फिर भी यह जोड़ी एक खुशहाल जिंदगी बिता रहे हैं। आपको बता दें कि राधा राजपाल यादव की दूसरी पत्नी है राजपाल यादव की पहली पत्नी का नाम करुणा था जो कि अब इस दुनिया को अलविदा कह चुकी हैं।
करुणा एक बेटी को जन्म देने के दौरान अपनी जान गवां दी थी। अभी राजपाल यादव की कुल तीन बच्चे हैं तीनों बेटियां ही हैं। जिनमें से इनकी पहली बेटी पहली पत्नी करुणा से है और दो बेटियां राधा से हुई हैं।
ऑटो तक के पैस नहीं थे
आज बॉलीवुड इंडस्ट्री के दिग्गज कलाकारों में गिने जाने वाले राजपाल यादव ने मुक़ाम अपनी कड़ी मेहनत और लगन से हांसिल किया हैं एक समय ऐसा था जब राजपाल यादव के पास ऑटो पर चढने तक के पैसे भी नहीं हुआ करते थे और वो पैदल चलकर लंबा सफर तय करते थे । आज उन्होंने अपनी मेहनत और संघर्ष के बदौलत इतना नाम और शोहरत कमा लिया है कि जिस ऑटो पर चढने के पैसे नहीं थे वैसे न जाने कितने ही ऑटो वो खरीद लें। उनके पास करोड़ो को संपति हैं और मुम्बई में खुद का आलिशान बंगाल हैं।