दो जिस्म एक जान हैं ये भाई एक को मिली नौकरी तो दूसरा भाई ऐसे कर रहा मदद, देखें तस्वीरें….

एक जिस्म दो जान 2 चेहरे और 4 हाथ बाले सोहणा और मोहणा को देखने के बाद आपको लगेगा की ये कुदरत की कैसी माया हैं यह किसी करिस्मे से कम नहीं एक समय ऐसा था जब सोहणा और मोहणा को घर परिवार ने इन बच्चो को ठुकरा दिया था लेकिन आज की बात करे तो सोहणा और मोहणा आज अपने पैरों पर खड़े हैं और उन्हें नौकरी भी मिल चुकी हैं नौकरी सोहणा को मिली है जबकि मोहणा हर काम में उसका साथ देगा

रिपोर्ट की माने तो सोमवार को डेंटल कालेज के नजदिक स्थित बिजलीघर में कर्मचारी के रूप में सोहणा को नौकरी मिली है और काम के मुताविक सोहणा को हर महीने 20 हजार रुपये बेतन मिलेगा

बता दे सोहणा और मोहणा ने इसी साल जुलाई में बिजली का डिप्लोमा पूरा किया था जिसके बाद उन्होंने पॉवरकाम में जेई पद के लिए आबेडन दिया था जिसके चलते उन्हें नौकरी मिल गई 2 साल काम करने के बाद सोहणा का पद बड़ा हो जाएंगा

बता दे 14 जून साल 2003 को दिल्ली के सुचेता क्राप्लानी अस्पताल में सोहणा और मोहणा का जन्म हुआ था दौरान सोहणा और मोहणा की मां कामिनी और पिता सुरजीत कुमार ने इन्हें अपनाने से इंकार कर दिया था। दरअसल, डॉक्टर्स का कहना था कि इन दोनों को अलग नहीं किया जा सकता। अगर ऐसा हुआ तो इनका बचना मुश्किल है।



माता पिता के ठुकराने के बाद सोहणा और मोहणा जब 2 महीने के थे तभी उन्हें पिंगलवाड़ा संस्था लेकर आ गए थे। यहां पर पिंगलवाड़ा के प्रमुख सेवादार डॉ इंद्रजीत कौर ने इनका नाम सोहणा और मोहणा रखा। कई मुश्किलों के बाद इन्हें अपने पैरों पर खड़ा कर दिया और आज इस लायक बना दिया कि वह अपनी मर्जी से जिंदगी जी सके। वहीं सोहणा और मोहणा ने भी अपने शारीरिक कमजोरी को कभी आड़े आने नहीं दिया।



सोहणा और मोहणा का कहना है कि, “युवाओं को ड्रग्स लेने की बजाय उनके पसंद के काम करके आत्मनिर्भर होना चाहिए। काम ही पूजा है और आगे वह खुद पर आत्मनिर्भर होकर पिंगलवाड़ा के लिए कुछ करना चाहते हैं।”




बता दें, सोहणा और मोहणा का बदन एक है लेकिन दो चेहरे, चार हाथ सामान्य बच्चों की तरह ही चलते हैं। लेकिन दो टांगों दो अलग-अलग दिमाग से निर्देशित होती है। जबकि इनके सिर, छाती, दिल, फेफड़े और रीढ़ अलग-अलग हैं। लेकिन किडनी, लीवर और ब्लैडर सहित शरीर के दूसरे अंग एक-एक ही है।

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