हमारे धर्म शास्त्रों में शादीशुदा जीवन से जुड़े काफी सुझाव लिखे गए हैं इन धर्म ग्रंथों में हर काम को करने के नतीजों के बारे में भी दिया गया है कि हम अगर यह काम करते हैं तो हमें बाद में क्या नुकसान होगा वही बुरे कर्मों के बुरे नतीजे भी लोगों को भगत ने पढ़ते हैं शास्त्रों के अनुसार किसी पराई स्त्री के साथ संबंध करना पाप माना जाता है और ऐसे इंसान को सीधे नर्क में जगह मिलती है वही किसी स्त्री के ऊपर बुरी नजर रखने वाले किसी पराई स्त्री के साथ संभोग का सोचने वाले लोगों को भी नर्क में ही जगह मिलती है।
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शास्त्रों में बताया गया है कि मनुष्य को संयम से काम लेना चाहिए और पराई स्त्री से संबंध करने से बचना चाहिए मनुस्मृति में यह भी बताया गया है कि जो व्यक्ति काम भावना के वशीभूत होकर गुरु पत्नी से संबंध रखता है उसके परलोक में उसके सिर पर योनि का चिन्ह बना दिया जाता है यह चिन्ह अगले जन्म में व्यक्ति के सिर पर नजर आएगा।
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कुंवारी अथवा अल्पायु यानी कम उम्र की लड़की से संबंध की सजा गरुण पुराण में बताई गई है जो स्त्री अपने पति को छोड़कर दूसरे पुरुषों से संबंध रखती है उन्हें यमलोक में देखते लोहे का आलिंगन कराया जाता है जोकि बहुत दर्दनाक होता है पाप की सजा पूरी होने पर ऐसी स्त्री चमगादड़ छिपकली अथवा दो मुहा सांप के रूप में जन्म लेती हैं।
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जो पुरुष अपने गोत्र की स्त्री से संबंध बनाता है उसे लकड़बग्घा अथवा शाही के रूप में भी जन्म लेना पड़ता है कुंवारी अथवा अल्पायु कन्या से संबंध रखने वालों को नर्क की घोर यातना सहने और अजगर योनि में आकर जन्म लेना पड़ता है इतना ही नहीं बल्कि जो व्यक्ति काम भावना से पीड़ित होकर गुरु की पत्नी का मान भंग करता है ऐसा व्यक्ति बरसों तक नर्क मैं रहता है और गिरगिट की योनि में जन्म लेता है आपको बता दें कि मित्र के साथ विश्वासघात करके उसके पत्नी से संबंध बनाने वाले को यमराज गधा की योनि में जन्म देते हैं।