रविन्द्र जडेजा को वर्तमान समय में विश्व का सबसे खतरनाक ऑलराउंडर माना जाता है। वह जितने कमाल के गेंदबाज हैं उतने ही कमाल के बल्लेबाज भी हैं और इन दोनों चीजों के अलावा वह एक शानदार फील्डर भी हैं। उनकी काबिलियत और कारनामे कुछ ऐसे हैं कि काफी संख्या में फैन्स उन्हें सर जडेजा बुलाते हैं।
कम उम्र में माँ छोड़ कर चली गयी
लेकिन जडेजा के आज इस उपलब्धि तक आने के पीछे काफी लोगों का प्रेम और त्याग छिपा हुआ है। जब रविन्द्र जडेजा मात्र 17 साल के थे तभी उनकी माँ एक दुर्घटना में चल बसीं। माँ के जाने के बाद जडेजा काफी निराश हो गए थे और उन्होंने क्रिकेट तक छोड़ देने का फैसला कर लिया था।
पिता चाहते थे आर्मी में भर्ती हो जाएं
रविन्द्र जडेजा के पिता जो कि खुद एक कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड थे वह यह चाहते थे कि उनका बेटा पढ़ लिख कर इंडियन आर्मी ज्वाईन करे पर किस्मत को तो कुछ और ही मंजूर था। जडेजा की बड़ी बहन नैना ने अपने छोटे भाई का हर कदम पर साथ दिया और कभी माँ की कमी महसूस नहीं होने दी।
बड़ी बहन ने दिया खूब साथ
चाहे आर्थिक रूप से मदद करनी हो या भाई के मनोबल को टूटने से बचाना हो, नैना अपने प्यारे भाई के लिए हमेशा खड़ी रहीं और आखिरकार देश को मिला एक ऐसा खिलाड़ी जो केवल अपने दम पर किसी भी मैच की स्तिथि को बदलकर रख देने की काबिलियत रखता है।
कई युवा क्रिकेटर्स को देते हैं प्रेरणा
आज विश्व में जितने भी युवा ऑलराउंडर्स हैं वो सब यह चाहते हैं कि आगे चल कर वह रविन्द्र जडेजा जैसा बन सकें। हाल ही में एशिया कप के दौरान जब भारत और पाकिस्तान की टीमें एक दूसरे से टकराईं तो इस मैच में रविन्द्र जडेजा ने भी अपने बल्ले से महत्वपूर्ण योगदान टीम के लिए दिया।
हिम्मत और लगन का प्रतीक
रविन्द्र जडेजा की कहानी इस बात का उदाहरण है कि यदि आपका कोई सपना है तो आप उसे अवश्य हासिल कर सकते हैं फिर इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आपके जीवन में कितनी सारी कठिनाइयां हैं। आशा है कि आने वाले समय में भी रविन्द्र जडेजा यूं ही देश का नाम रौशन करते रहेंगे।
ये भी पढ़िये : असल जीवन में कुछ ऐसा दिखता है “महेंद्र सिंह धोनी” का परिवार, मिलिए उनके परिवार के 6 मुख्य सदस्यों से